GST Council Meeting Lucknow: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) शुक्रवार को लखनऊ में वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Service Tax ) परिषद की 45वीं बैठक के बाद मीडिया को जानकारी दी कि परिषद ने कैंसर के उपचार, बच्चों के इलाज से जुड़ी कुछ जीवन रक्षक लेकिन बेहद महंगी दवाओं पर जीएसटी से छूट दी है और साथ ही कोरोना के इलाज से जुड़ी दवाओं पर छूट को बरकरार रखा है। इसके साथ ही विकलांगो द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाली विशेष गाड़ियों में भी जीएसटी में छूट दी गयी है।
वित्तमंत्री ने कहा, ‘ कुछ जीवन रक्षक दवाएं जो बहुत महंगी हैं, जो बच्चों के लिए ज़्यादा इस्तेमाल की जाती हैं। ये कोरोना से संबंधित नहीं हैं। ऐसी ड्रग्स को जीएसटी से छूट दी गई है। इसपर अब जीएसटी नहीं लगेगा। जोलगेन्स्मा और विल्टेप्सो ऐसी ही 2 महत्वपूर्ण दवाइयां हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं दो के नाम इसलिए दे रही हूं क्योंकि वे दो बहुत महंगी दवाएं हैं- ये दोनों बेहद जरूरी दवाएं हैं, जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है। इसलिए परिषद ने इन दो दवाओं के लिए जीएसटी से छूट देने का फैसला किया है।
READ: Twitter ने जारी किया नया फीचर, Twitter Space में Co-Host जोड़ सकेंगे
पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे से रहेंगे बाहर
बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर चर्चा हुई लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई। बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का सही समय नहीं है।
उन्होंने कहा कि पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार नहीं किया गया है। राजस्व से जुड़े कई मुद्दों पर इसके लिए आगे विचार करना होगा।
निर्मला सीतारमण जानकारी दी कि तेल विपणन कंपनियों को डीजल में मिलाने के लिए आपूर्ति किए जाने वाले बायोडीजल पर जीएसटी दर भी 12% से घटाकर 5% कर दी गई है। जहाजों और वायु द्वारा निर्यात माल के परिवहन को 30 सितंबर तक जीएसटी से छूट दी गई है।
यह छूट निर्यातकों को जीएसटी पोर्टल पर तकनीकी मुद्दों के कारण आईटीसी (Input Tax Credit) की वापसी प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करने के कारण दी गई थी। इस छूट को 1 साल और बढ़ाया जा रहा है।
READ: इस वर्ष महंगाई दर तय सीमा में ही रहेगी: निर्मला सीतारमण
स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह पर दवाओं पर जीएसटी से छूट
वित्त मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय और फार्मास्यूटिकल्स विभाग की सिफारिश पर मस्कुलर एट्रोफी के इलाज के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सुझाई गई दवाओं को भी व्यक्तिगत रूप से आयात पर आईजीएसटी से छूट दी गई है। कोरोना से संबंधित दवाओं पर रियायती जीएसटी दरों को 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ा दिया गया है। ये रियायती दरें जो 30 सितंबर तक वैध थीं, अब 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाई जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि दवा विभाग की संस्तुति के अनुसार सात अन्य दवाओं पर जीएसटी दर को भी 12% से घटाकर 5% करने की सिफारिश की गई है। उन पर भी छूट को 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ा दिया गया है।
दिल्ली-राजस्थान ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी से बाहर रखने की मांग की
बैठक के बाद दिल्ली सरकार के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर चर्चा हुई थी। लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई। वहीं अन्य राज्यों की तरफ से भी इस पर विरोध जताया गया है। सरकार राजस्व के मामले में संकट में है। ऐसे में पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाकर और राजस्व का संकट नहीं बढ़ाया जा सकता है।
राजस्थान सरकार के मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि केरल हाई कोर्ट का निर्णय था, लिहाजा पेट्रोल-डीजल को लेकर चर्चा हुई। राजस्थान ने भी इसका विरोध किया है क्योंकि राज्य सरकार अभी वित्तीय संकट से गुजर रही है। GST को लेकर फाइनेंस मिनिस्टर के एजेंडा में लाया था, लेकिन राज्य तैयार नहीं थे।
दिल्ली और राजस्थान ने इसको लेकर बात किया। उन्होंने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने इसे एजेंडे में लाया था लेकिन कई राज्य इस बार सहमत नहीं हुए।
READ: ईमानदार कर-दाताओं का उत्पीड़न बंद, एक शहर के करदाता की जांच दूसरे शहर से: पीएम मोदी