लोगों सस्ती दाल उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने बफर स्टॉक को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में दालों के बफर स्टॉक को 8 लाख टन से बढ़ाकर 20 लाख टन करने का फैसला किया है।
दाल का बफर स्टॉक 10-10 लाख टन की घरेलू खरीद और आयात के जरिए बनाया जाएगा। देश में दालों की उपलब्धता बढ़ने से त्योहारी सीजन में कीमतें और गिरने की संभावना है।
बीते छह महीने के दौरान दिल्ली के थोक बाजार में अरहर दाल की कीमत में 30 फीसदी गिरावट आई है। लेकिन खुदरा बाजार में अरहर की कीमत सिर्फ 16 फीसदी घटी है। रिटेल के दाम ज्यादा होने की वजह दुकानदारों की मनमानी है।
हाल में दाल के थोक व्यापारियों ने सरकार के सामने अपना पक्ष भी रखा। उपभोक्ता मामलों ने मंत्रालय से मिलकर बताया कि दाल की बढ़ती कीमत के लिए वो जिम्मेदार नहीं हैं और सरकार को छोटे दुकानदारों की लगाम कसनी चाहिए।
हर दुकानदार सामान पर कुछ मार्जिन यानी अपना मुनाफा वसूलता है, लेकिन खाने-पीने की चीजों को देखें तो दालों के मामले में ये मार्जिन कुछ ज्यादा ही है।
रिपोर्ट के मुताबिक 31 अगस्त को दिल्ली में खुदरा व्यापारी अरहर दाल को 35.6 फीसदी के मुनाफे पर बेच रहे थे। यानि अगर अरहर दाल की कीमत थोक बाजार में 100 रुपए प्रति किलो थी तो आपको घर में 135-140 रुपए की बेची जा रही थी।