उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी साफ किया कि परिवार में कोई झगड़ा नहीं है। हालांकि उन्होंने ये स्वीकार किया कि सरकार में मतभेद हैं। अखिलेश ने ये भी कहा कि बाहरी लोग दखल देंगे तो काम कैसे चलेगा।
उन्होंने कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह) की बात कौन नहीं मानेगा। सब नेताजी की बात मानते हैं। लेकिन जब बाहरी लोग दखल देंगे तो पार्टी कैसे चलेगी। सीएम ये भी कहा कि कुछ फैसले नेताजी से पूछ कर लिये गए हैं और कुछ फैसले मेरे हैं।
मुलायम कुनबे में मतभेद कितने गहरे हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चाचा शिवपाल और पिता मुलायम के वफादार खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को हटाने में अखिलेश ने देर नहीं लगायी। इसके बाद अखिलेश ने शिवपाल के करीबी माने जाने वाले मुख्य सचिव दीपक सिंघल को भी हटा दिया।
कयास लगाये जा रहे हैं कि समाजवादी पार्टी से राज्य सभा सांसद अमर सिंह के यहां रात्रि भोज में जाने की वजह से अखिलेश ने दीपक सिंघल को हटाया है।
अमर सिंह के रात्रि भोज में कई मुलायम सिंह समेत सपा के कई बड़े नेता शामिल थे लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश उसमें शामिल नहीं हुये।
सैफई में बुधवार को शिवपाल सिंह ने समाजवादी पार्टी में जारी घमासान को लेकर चुप्पी तोड़ी।
उन्होंने कहा कि मंत्रालयों का बंटवारा मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। वह किसी का कोई भी मंत्रालय ले सकते हैं। जहां तक मेरा सवाल है नेताजी से चर्चा के बाद ही कोई फैसला लूंगा।
नव नियुक्त सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अब तक सपा मुखिया ने जो भी जिम्मेदारी सौंपी है उसे उन्होंने पूरी निष्ठा व मेहनत से निभाया है।
शिवपाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी 2017 में फिर से सरकार बनाए, इसके लिए हम सब मिलकर काम करेंगे। साथ ही अब तक जमीनी कार्यकर्ताओं की जो उपेक्षा हुई है, वह अब नहीं होगी और जरूरी हुआ तो संगठन में परिवर्तन भी किया जाएगा।