डिल्मा रौसेफ के ऊपर सरकारी धन में हेरा-फेरी का आरोप था। इसके बाद से लगातार देश भर में उनके खिलाफ प्रदर्शन और अभियान चलाये जा रहे थे।
ब्राजील के स्थानीय अखबारों के मुताबिक 513 सदस्यों वाले निचले सदन में महाभियोग प्रस्ताव को पारित करवाने के लिये दो तिहाई यानी 342 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी। लेकिन विपक्षी दलों ने आसानी से 367 सदस्य जुटा लिये।
इसके बाद महाभियोग प्रस्ताव को ब्राजील की संसद के ऊपरी सदन में भेजा जायेगा।
यदि डिल्मा रौसेफ के खिलाफ महाभियोग को ब्राजील की संसद के ऊपरी सदन – सीनेट की भी मंजूरी मिल जायेगी तो डिल्मा रौसेफ के खिलाफ ऊपरी सदन में मुकदमा चलाया जायेगा। और यदि डिल्मा रौसेफ को दोषी पाया गया तो उन्हें हमेशा के लिये उनके पद से हटा दिया जायेगा।
इस पूरी प्रक्रिया में उन्हें दो बार अपील करने का मौका भी मिलेगा।
यदि डिल्मा रौसेफ के खिलाफ महाभियोग को सीनेट की मंजूरी भी मिल जाती है तो उप राष्ट्रपति माइकल तेमेर को अंतरिम राष्ट्रपति बनाया जायेगा। लेकिन माइकल तेमेर के खिलाफ भी इन्हीं आरोपों के तहत महाभियोग की प्रक्रिया पहले ही शुरू है।