शशिकला के करीबी माने जाने वाले पलानीसामी 2011 में पहली बार मंत्री बने और एक बार सांसद भी रह चुके हैं
ई. पलानीस्वामी ने तमिलनाडु के नए सीएम के रूप में शपथ ले ली है। उनके साथ 30 अन्य मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली। पलानीस्वामी ने गुरुवार दोपहर 11:30 बजे राज्यपाल सी विद्यासागर से मुलाकात की थी। राज्यपाल ने पलानीस्वामी को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया है।
पलानीस्वामी का पूरा नाम इदापड्डी के. पलानिस्वामी है। वह सलेम जिले के इडापड्डी से चार बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने 1989 में पहली बार चुनाव जीता था।
शशिकला के करीबी माने जाने वाले पलानीस्वामी 2011 में पहली बार मंत्री बने और एक बार सांसद भी रह चुके हैं। तमिलनाडु में पूर्व सीएम जयललिता के निधन के बाद से ही सत्ता को लेकर AIADMK में खींचतान चल रही थी। जयललिता के निधन के बाद मुख्यमंत्री बनाए गए ओ. पन्नीरसेल्वम ने पार्टी महासचिव शशिकला के खिलाफ बगावत करते हुए अलग खेमा खड़ा कर लिया था।
हालांकि जब शशिकला को AIADMK का महासचिव बनाया गया तो पन्नीरसेल्वम कमजोर पड़ने लगे। पिछले दिनों शशिकला के ‘दबाव’ के चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
इसके बाद से AIADMK दो धड़ों में बंट गई थी। एक पक्ष शशिकला की तरफ था तो दूसरा पन्नीरसेल्वम के। पन्नीरसेल्वम के विद्रोह के बाद शशिकला उन्हें हटाकर खुद सीएम बनना चाहती थीं, मगर मंगलवार (14 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए चार साल की सजा और 10 करोड़ रुपये जुर्माने की सजा सुना दी।
इस फैसले के चलते वह 10 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। उन्होंने अदालत का फैसला आने के बाद पन्नीरसेल्वम और उनके कुछ समर्थकों की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी थी।
शशिकला ने विश्वासपात्र इदापद्दी के. पलानीस्वामी को विधायक दल का नेता नियुक्त किया। ई. पलानीसामी को पार्टी के विधायक दल के नेता के रूप में समर्थन का विधायकों के हस्ताक्षर वाला एक पत्र गवर्नर को भेजा गया था। पलानीसामी ने मंगलवार शाम को गवर्नर से मिलकर सरकार बनाने का दावा किया था।
दोषी करार दिए जाने के बाद एआईएडीएमके महासचिव शशिकला ने बुधवार को बेंगलुरू की अदालत में सरेंडर कर दिया। उन्हें वही की जेल में रखा गया है।