14वें वित्तीय आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद केंद्रीय करों में राज्यों का हिस्सा बढ़ने की वजह से राज्यों के हाथ में ज्यादा धन होने की वजह से वित्तमंत्री अरुण जेटली ने उन्हें वित्तीय अनुशासन बरतने की सीख दी है।
वित्तमंत्री ने राज्यों से कहा कि उन्हें आधारभूत ढांचे के विकास और सामाजिक कार्यों निवेश बढ़ाना चाहिये।
सोमवार को नई दिल्ली में राज्यों के वित्त सचिवों के दूसरे सम्मेलन को संबोधित करते हुये वित्तमंत्री ने सरकारी योजनाओं का फायदा अधिकतम लोगों तक पहुंचाने के लिये आधार कार्ड के प्रयोग को बढ़ावा देने की अपील भी राज्यों से की।
जेटली ने कहा कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद केन्द्रीय करों में राज्यों का हिस्सा 10% बढ़कर 42% हो गया है। वित्तमंत्री ने कहा कि एक दो मामलों में कमही हो सकती है लेकिन कुल मिलाकर राज्यों को मिलने वाली राशि में वृद्धि हुई है।
वित्तमंत्री ने कहा कि राज्यों को देखना होगा कि पैसा कहां खर्च हो रहा है। बड़ी राशि सामाजिक क्षेत्र और बुनियादी सुविधाओं के विकास में खर्च की जानी चाहिए।
जेटली ने कहा कि बिना विकास वाले कामों पर खर्च करने से बचना चाहिए, ऐसे कदम थोड़े समय के लिए आकर्षक साबित हो सकते हैं, लेकिन लंबे समय में इनसे कुछ नहीं मिलेगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि अनुशासन में रहकर खर्च करने की प्रवृत्ति से ब्याज दरें कम हुई हैं। साथ ही देश की विश्वसनीयता पर भी बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर राज्यों ने इस अनुशासन का पालन किया है। अगर केंद्र की तरफ से कहीं समस्या है तो निसंकोच बताएं। उनका समाधान करने की कोशिश की जाएगी।
इस मौके पर वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने राज्यों से जैम ट्रिनिटी (JAM Trinity) यानी जनधन-मोबाइल और आधार का इस्तेमाल कर सरकारी योजनाओं में लीकेज रोकने की अपील की।
वित्त सचिव राजन पी. वातल ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-16 के संशोधित अनुमान (Revised Estimates) में राज्यों और संघीय क्षेत्रो को केंद्रीय सहायता 2,04,784 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.16,108 करोड़ पहुंच गयी जो कि संभवत: ऐसा पहला मामला है जिसमें संशोधित अनुमान में बढ़त दिख रही है