भारत और ईरान ने मिलकर आतंकवाद, कट्टरपंथ और साइबर अपराध से मिलकर निपटने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तेहरान यात्रा के दूसरे दिन दोनों रणनीतिक भागीदार देशों ने 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
इसमें सबसे अहम है व्यापारिक और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए भारत और ईरान के बीच समझौता। भारत इस बंदरगाह के विकास के लिये 50 करोड़ डॉलर मुहैया कराएगा।
तेहरान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने विश्व की तमाम बड़ी समस्याओं से मिलकर लड़ने पर भी रजमांदी जाहिर की।
दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोरदार स्वागत के लिए ईरान को धन्यवाद कहा और दोनों देशों की पुरानी दोस्ती को याद करते हुए क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर उभरती आतंकवाद, चरमंथ और साइबर अपराध जैसी समस्याओं को सुलझाने के लिए साथ साथ चलने का एलान किया।
दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद दोनों रणनीतिक भागीदार देशों ने 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें भारत द्वारा चाबहार बंदरगाह के विकास का महत्वपूर्ण समझौता भी शामिल है।
इसके अलावा दोनों पक्षों ने व्यापार ऋण, संस्कृति, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा रेलमार्ग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के कई और समझौतों पर भी हस्ताक्षर किये। पीएम ने इन समझौतों को सामरिक रिश्तों की दिशा में नया अध्याय करार दिया।
भारत और ईरान ने व्यापार संबंधों को और विस्तार देने तथा रेलवे समेत बाकी क्षेत्रों में अधिक विस्तृत संचार संपर्क स्थापित करने पर भी बात की। भारत और ईरान ने तेल, गैस और उर्वरक क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने तथा शिक्षा, तथा सांस्कृतिक संपर्क बढाने पर भी सहमति जतायी।
Economic fruits of Chahbahar Agreement will expand trade, attract investment, build infrastructure, develop industry and create jobs: PM
— PMO India (@PMOIndia) May 23, 2016