भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों की मंगलवार को हुई बातचीत में भारत ने आतंकवाद और कश्मीर समेत कई जटिल मुद्दे उठाए गए।
भारत ने पाकिस्तान से साफ कहा कि उसकी जमीन से भारत विरोधी आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर और पाकिस्तानी विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी के बीच करीब 90 मिनट तक बातचीत चली।
इस दौरान पठानकोट आतंकी हमला, 26/11 मुंबई हमला मामले के मुकदमे और समझौता एक्सप्रेस धमाकों की जांच जैसे मुद्दों पर भी चर्चा
हुई। पाकिस्तानी विदेश सचिव हॉर्ट आफ एशिया सम्मेलन में हिस्सा करने भारत आए हुए हैं।
इस साल 2 जनवरी को पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के विदेश सचिवों की पूर्व निर्धारित वार्ता स्थगित कर दी गई थी। पठानकोट हमले के बाद दोनों विदेश सचिवों की पहली औपचारिक मुलाकात है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि विदेश सचिव ने पठानकोट हमले की जांच तथा मुंबई हमलों से जुड़े मुकदमों में जल्द एवं नजर आने वाली प्रगति की जरूरत पर जोर दिया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि विदेश सचिव जयशंकर ने पाकिस्तानी अधिकारियों से साफ कहा कि पाकिस्तान द्विपक्षीय रिश्तों पर आतंकवाद के प्रभाव को लेकर इनकार की हालत में नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि भारत को निशाना बनाने वाले पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों को अपनी गतिविधियों के संचालन की खुली छूट नहीं दी जानी चाहिए।
भारत ने पठानकोट एयरबेस हमले के मास्टरमाइंड और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र के ‘1267 प्रतिबंध समिति’ में सूचीबद्ध करने का मसला भी उठाया।
बातचीत के दौरान भारत ने पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव का मुद्दा भी उठाया। विदेश सचिव जयशंकर ने पाकिस्तानी विदेश सचिव से कहा कि जाधव को अपहरण कर पाकिस्तान ले जाया गया। उन्होंने जाधव के लिए तुरंत दूतावास संबंधी संपर्क उपलब्ध कराने की भी मांग की। भारत ने पहली बार साफ तौर पर कहा कि जाधव को अगवा किया गया।
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने एक बार फिर अपना पुराना कश्मीर राग अलापा। पाक विदेश सचिव चौधरी ने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच कश्मीर प्रमुख मुद्दा है, जिसका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी अवाम की भावनाओं के अनुरूप उचित समाधान निकाले जाने की आवश्यकता है।
इसके अलावा उन्होंने बलूचिस्तान एवं कराची में विध्वंसक गतिविधियों में भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड अनालिसिस विंग (RA&W) की कथित संलिप्तता और समझौता एक्सप्रेस धमाकों में आरोपियों को छोड़े जाने की कोशिशों पर गंभीर चिंता जताई। भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया।