असामान्य गर्मी और 10 राज्यों में सूखे की चुनौती से जूझ रहे भारत के लिये एक अच्छी खबर। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार इस साल मानसून की बारिश औसत से अधिक रहेगी। मौसम विभाग के मुताबिक साल 2016 में दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश दीर्घकालिक औसत का 111 प्रतिशत यानी सामान्य से 11 प्रतिशत ज्यादा रहेगी।
हालांकि इस अनुमान में 5 प्रतिशत तक का अंतर आ सकता है लेकिन तब भी बारिश दीर्घकालिक औसत से 6 प्रतिशत ज्यादा ही रहने की उम्मीद है।
पूरे देश के लिये साल 1951-2000 (पचास वर्ष) के दौरान मौसमी बारिश का दीर्घकालिक औसत 89 सेंटीमीटर है।
मौसम विभाग ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि अप्रैल 2015 में इक्वेटोरियल प्रशांत महासागर के ऊपर अलनीनो की स्थिति स्थापित हुई थी। जो जुलाई में मजबूत होती हुई दिसंबर 2015 में उच्च स्तर पर पहुंच गई।
मौसम विभाग ने कहा कि इसके बाद अलनीनो की स्थिति में कमजोरी आई फिर भी प्रशांत महासागर के ऊपर समुद्र तल तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है।
वर्तमान में तटस्थ हिंद महासागर द्विध्रुवीय की स्थितियां हिंद महासागर के ऊपर मौजूद हैं। नवीनतम मॉनसून मिशन युग्मित जलवायु मॉडल से नवीनतम पूर्वानुमान मॉनसून मौसम के मध्य के दौरान सकारात्मक आईओडी स्थितियां स्थापित होने की संभावना है जो बाद में कमजोर हो सकते हैं।
प्रशांत और हिंद महासागर के ऊपर विशेष रूप से प्रशांत महासागर के ऊपर ईएनएसओ की स्थिति भारत में गर्मी के मॉनसून पर बहुत प्रभाव डालने के लिए जानी जाती है।
मौसम विभाग ने कहा कि वह बहुत सावधानी से प्रशांत महासागर और हिंद महासागर के ऊपर समुद्र सतह स्थितियों की निगरानी कर रहा है।