प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में आपातकाल लागू किए जाने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश को इससे मिले सबक को कभी नहीं भूलना चाहिए ताकि कभी कोई राजनेता इस तरह का पाप करने की इच्छा तक न कर सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी कोई आपातकाल की बात करता है लोग उसे उसके राजनीतिक मंसूबों से जोडऩे लगते हैं लेकिन आज इस पर एक निष्पक्ष बहस की जरूरत है ताकि भविष्य में कोई नेता दोबारा ऐसा कदम उठाने के बारे में सोचे भी नहीं।
पत्रकारिता के क्षेत्र में दिए जाने वाले रामनाथ गोयनका पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर मोदी ने कहा कि मीडिया जगत के बहुत कम लोगों ने आपातकाल को चुनौती दी जिनमें से एक रामनाथ गोयनका भी थे।
पीएम मोदी कहा कि इन दिनों मीडिया की भूमिका काफी अहम हो गई है जैसा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान थी। आजादी की लड़ाई के दौरान
सेनानियों ने अखबार को ब्रितानी शासन के खिलाफ एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में तकनीक के उभरने से मीडिया के समक्ष नई चुनौती आ रही है जिसके लिए पत्रकारों को कमर कस लेनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब सूचना की अधिकता है तब मीडिया को अपनी साख स्थापित करनी चाहिये और उसे बचाकर रखना चाहिये।