आज से 8 राज्यों की 21 मंडियां ‘ई-नाम’ (e-NAM) नाम के इस पोर्टल के जरिये आपस में जुड़ गयी है जिससे किसानों को उनकी उपज का दाम मालूम पड़ सकेगा।
इस पोर्टल की शुरुआत करते हुये प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस पहल से कृषि उपज के मूल्यों के बारे पारदर्शिता आएगी, जिससे किसान काफी हद तक लाभान्वित होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच महीनों के भीतर 200 मंडियों को और मार्च, 2018 तक 585 मंडियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार से जोड़ दिया जाएगा
श्री मोदी ने कहा कि यह कृषि समुदाय के लिए एक बड़ा बदलाव है।
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को समग्र रूप में देखना होगा और इसके बाद ही किसानों को अधिकतम लाभ सुनिश्चित किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर किसानों को यह विस्तार से जानकारी दी कि क्या-क्या कदम उठाए जा चुके हैं एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए अब और क्या किया जा सकता है।
अगले पांच वर्षों में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अनेक योजनाएं शुरू की जाएंगी
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने इस मौके पर बताया कि यह परियोजना एक ऑनलाइन पोर्टल द्वारा संचालित होगी जिसे राज्य की मंडियों से जोड़ा जा रहा है।
इसका सॉफ्टवेयर सभी इच्छुक राज्यों को नि:शुल्क दिया गया है और कामकाज में मदद के लिए हर भागीदार मंडी में एक वर्ष के लिए एक जानकार व्यक्ति को नियुक्त किया जा रहा है।
इस परियोजना के तहत भारत सरकार, राज्यों की प्रस्तावित कृषि मंडी को 30 लाख रुपये का अनुदान दे रही है। इस पोर्टल से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए किसानों को 24 घंटे किसान हेल्पलाइन सेवाएं उपलब्ध होंगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि भारत में पहली बार “एक राष्ट्र – एक बाजार” विकसित हो रहा है और यह कृषि बाजार अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा, इसके लिए सबको मिलकर काम करना होगा।