भारत द्वारा नियंत्रण रेखा के पार स्थित आतंकी लॉंच पैडों पर सर्जिकल कार्यवाही करने के 15 दिन बाद अमेरिका ने भारत की कार्यवाही का समर्थन किया है और पाकिस्तान को फटकार लगायी है।
अमेरिका ने इसे आत्मरक्षा का अधिकार करार दिया। व्हाइट हाउस के दक्षिण एशिया मामलों के प्रभारी पीटर लावोय ने युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान की शांति को कश्मीर मुद्दे पर प्रस्ताव के साथ जोड़ने के पाकिस्तान के प्रयास को भी खारिज कर दिया।
व्हाइट हाउस की ओर से बयान जारी कर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक का समर्थन किए जाने के बाद अब अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने भारत के समर्थन में अहम बयान दिया है।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया की खबरों के मुताबिक जॉन किरबी ने कहा कि हम मुंबई हमले के दोषियों को सजा मिलते हुए देखना चाहते हैं।
पाकिस्तान की ओर से अपनी जमीन को आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होने देने और भारत में आतंक की सप्लाई के संदर्भ में अमेरिका ने सख्ती दिखाते हुये कहा कि पाकिस्तान अपनी सीमा में आतंकियों के ठिकानों, आतंकी समूहों व आतंकियों के खिलाफ कड़ाई से कदम उठाए।
हाफिज सईद की टिप्पणी पर किर्बी ने कहा कि मैं एक घोषित आतंकी पर कुछ ऐसा नहीं कहना चाहता हूं जिससे उसका महिमामंडन हो।
हाफिज सईद ने एक वीडियो के जरिये अमेरिका को निशाने पर लिया है। अपने समर्थकों से हाफिज ने कहा कि इन देशों ने हमारी जान की कीमत एक अरब लगाई है, लेकिन जिंदगी और मौत अल्लाह के हाथ में है। जब तक जिंदगी रहेगी हम कश्मीर की आजादी के लिए और इस्लाम के लिए लड़ते रहेंगे।
हाफिज सईद ने कहा कि अमेरिका और भारत जब हमें परेशान करते हैं तो हमें काफी अच्छा लगता है।
खबरों के मुताबिक हाफिज सईद ने अमेरिका को चुनौती देते हुए कहा कि 5 साल से अमेरिका ने एक अरब रुपया का इनाम घोषित कर रखा है, लेकिन मैं तो बहुत आराम से हूं।
अमेरिका ने नियंत्रण रेखा के पार भारत की कार्यवाही का समर्थ तो किया है लेकिन सीमा पर सैन्य जमाव पर चिंता भी जतायी है।
एक अहम बयान में पीटर लोवाय ने कहा कि अमेरिका यह सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास कर रहा है कि भारत इस साल के अंत तक परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (Nuclear Suppliers Group) का सदस्य बन जाए।