भारत में किसी मेट्रो परियोजना को पहली बार जर्मनी से सहायता मिली है। इसके तहत जर्मनी सरकार का डेवलपमेंट बैंक (KfW) नागपुर मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड को 500 मिलियन यूरो (करीब 3750 करोड़ रुपये) का कर्ज देगा।
इसके लिये शुक्रवार को नई दिल्ली में दोनों देशों के बीच एक समझौते पर दस्तखत हुये। भारत की ओर से आर्थिक मामला विभाग के संयुक्त सचिव एस. सेल्वाराज एवं केएफडब्ल्यू (KfW) के महानिदेशक रोनाल्ड सिलर ने हस्ताक्षर किए।
इस तरह से करीब 8680 करोड़ रुपये लागत की परियोजना का 43 प्रतिशत जर्मन बैंक KfW से कर्ज के तौर पर मिलेगा।
नागपुर मेट्रो को 20 साल में कर्ज चुकाना होगा जिसमें से पहले पांच वर्ष तक ऋण चुकाने की प्रक्रिया स्थगित रहेगी।
बैंक तीन साल बाद कर्ज के इस्तेमाल की समीक्षा के आधार पर अगली किश्त जारी करेगा।
8,680 करोड़ (यूरो 1240 मिलियन) की लागत से बनने वाली नागपुर मेट्रो परियोजनाभारतीय शहरों के लिये प्रदूषण रहित परिवहन परियोजनाओं में पहली ऐसी परियोजना है जिसे भारत जर्मन साझेदारी के तहत कर्ज प्राप्त हुआ है।
इस मौके पर जर्मनी के राजदूत डॉ. मार्टिन नैय, शहरी विकास मंत्रालय के ओएसडी (शहरी परिवहन) मुकुन्द सिन्हा, नागपुर मेट्रो के प्रबंध निदेशक श्री ब्रजेश दीक्षित भी उस्थित थे।