पूरी तरह से भारत में विकसित और सतह से सतह तक मार करने में सक्षम और परमाणु क्षमता से लैस बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-5’ का ओडिशा तट से दूर व्हीलर द्वीप से सफल परीक्षण किया गया।
इस मिसाइल को डीआरडीओ ने विकसित किया है। यह 5 हजार किलोमीटर की दूरी तक मार करने की क्षमता रखती है। इस मिसाइल की रेंज में चीन का उत्तरी हिस्सा भी होगा। यह मिसाइल 17 मीटर लंबी, 2 मीटर चौड़ी है और इसका वजन 50 टन है।
5,000 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित लक्ष्य को भेदने सें सक्षम इस मिसाइल का ओड़िशा तट से दूर अब्दुल कलाम द्वीप से परीक्षण किया गया, जिसकी पहुंच पूरे चीन तक होगी।
रक्षा सूत्रों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि इस सफल परीक्षण से सबसे शक्तिशाली भारतीय मिसाइल के प्रायोगिक परीक्षण और अंतिम तौर पर इसे स्पेशल फोर्सेस कमांड (Special Forces Command) में शामिल करने का रास्ता साफ हो गया है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के सूत्रों ने बताया कि तीन चरणों वाले और सतह से सतह तक मार करने में सक्षम मिसाइल का एकीकृत परीक्षण रेंज (Integrated Test Range) के लांच कांप्लेक्स-चार से सुबह के 11 बजकर पांच मिनट पर मोबाइल प्रक्षेपण यान के जरिए परीक्षण किया गया।
डीआरडीओ ने कहा कि करीब 17 मीटर लंबे और 50 टन वजन वाले इस मिसाइल ने अपने सभी लक्ष्यों को भेदने में सफलता प्राप्त की। यह इस मिसाइल के विकास से जुड़ा चौथा और कैनिस्टर स्तर का दूसरा परीक्षण था।
इससे पहले 19 अप्रैल, 2012 को इसका पहला, 15 सितंबर, 2013 को दूसरा और 31 जनवरी, 2015 को तीसरा परीक्षण किया गया। सूत्रों ने बताया कि अग्नि श्रृंखला का यह सबसे आधुनिक मिसाइल है, जिसमें नेविगेशन, गाइडेंस, वारहेड और इंजन से जुड़ी नई तकनीकों को शामिल किया गया है।
डीआरडीओ के एक अधिकारी ने बताया कि बहुत तेज गति से चलने वाले कंप्यूटर और चूक का पता लगाने वाले सॉफ्टवेयर और मजबूत और विश्वसनीय बस ने मिसाइल का मार्गदर्शन किया।
यह एक टन से अधिक वजन के परमाणु आयुध को ढोने में सक्षम है। अग्नि सीरीज की अन्य मिसाइलों के विपरीत ‘अग्नि-5’ सर्वाधिक आधुनिक मिसाइल है। नैविगेशन और मार्गदर्शन के मामले में इसमें कुछ नयी प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है।