भारत में 9000 करोड़ रुपये के लोन डिफॉल्टर विजय माल्या को आज लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया। माल्या को धोखाधड़ी के आरोपों में उसके प्रत्यर्पण के भारत सरकार के आग्रह पर गिरफ्तार किया गया।
शराब कारोबारी माल्या कर्ज नहीं चुकाने के मामलों में भारत में वांछित है। उसे तब गिरफ्तार कर लिया गया जब वह आज सुबह मध्य लंदन पुलिस थाने में पेश हुआ।
स्कॉटलैंड यार्ड ने कहा, मेट्रोपॉलिटन पुलिस की प्रत्यर्पण इकाई ने आज सुबह प्रत्यर्पण वारंट पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। विजय माल्या को धोखाधड़ी के आरोपों में भारतीय अधिकारियों की ओर से गिरफ्तार किया गया।
सीबीआई ने भी भगोड़े माल्या के गिरफ्तारी की पुष्टि की। 17 बैंकों का 9000 करोड़ रुपये का लोन विजय माल्या के ऊपर है। हालांकि पिछले साल नवंबर में ईडी ने माल्या की 6600 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर दी थी।
इस बीच केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने कहा है कि किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। कानून अपना काम करेगा। माल्या को भारत लाया जाएगा।
कोर्ट से जमानत मिलने के बाद माल्या ने कहा कि प्रत्यर्पण मामले पर आज सुनवायी शुरू हुई है, जैसी की उम्मीद थी।
भारत और ब्रिटेन के बीच प्रत्यर्पण संधि के अनुसार माल्या के संबंध में औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध आठ फरवरी को ब्रिटिश उच्चायोग को सौंपा गया था। अनुरोध सौंपते हुए भारत ने कहा था कि उसका माल्या के खिलाफ वैध मामला है। भारत ने कहा कि अगर प्रत्यर्पण अनुरोध को स्वीकार किया जाता है तो यह हमारी चिंताओं के प्रति ब्रिटेन की संवेदनशीलता को दिखाएगा।
ब्रिटेन में प्रत्यर्पण प्रक्रिया में न्यायाधीश द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी करने पर फैसले सहित कई कदम शामिल हैं। वारंट जारी होने पर व्यक्ति को गिरफ्तार करके शुरुआती सुनवाई के लिए अदालत के सामने लाया जाता है जिसके बाद मंत्री द्वारा अंतिम फैसले से पहले प्रत्यर्पण सुनवाई होती है। वांछित व्यक्ति को किसी भी फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय तक में अपील करने का अधिकार होता है।
इससे पहले इस साल जनवरी में सीबीआई की एक अदालत ने 720 करोड़ रुपये के आईडीबीआई बैंक ऋण चूक मामले में माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। माल्या दो मार्च 2016 को देश छोड़कर भाग गया था।