वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली के लिए चार स्तरीय कर दरें तय करने के बाद शुक्रवार को केंद्र और राज्यों के बीच विभिन्न करदाता इकाइयों पर अधिकार क्षेत्र को लेकर सहमति नहीं बन सकी। इससे सरकार के लिये एक एक अप्रैल 2016 से एक समान उत्पाद एवं सेवा कर लागू करने के प्रयासों को झटका लग सकता है।
जीएसटी लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली जीएसटी परिषद की आज दूसरे दिन की बैठक में करदाता इकाइयों पर अधिकार क्षेत्र को लेकर सहमति नहीं बन सकी। किस टर्नओवर तक की इकाइयां राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आयेंगी और किस तरह की इकाइयों पर पर केंद्र सरकार का अधिकार होगा, इस बारे में कोई निर्णय नहीं हो सका।
राज्यों ने इस विषय में केंद्र से उत्पाद कर और सेवा कर के बारे में नये आंकड़े मांगे है।
परिषद की कल से शुरू हुई दो दिवसीय बैठक के पहले दिन कल जीएसटी के लिए पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार स्तरीय कर दरों का अहम फैसला किया गया।
परिषद की अब 9 और 10 नवंबर को होने वाली बैठक को निरस्त कर दिया गया है। इस बैठक में जीएसटी को समर्थन देने वाले विधेयकों के मसौदों को अंतिम रूप दिया जाना था। राज्यों के वित्त मंत्रियों की इस मुद्दे पर अब 20 नवंबर को अनौपचारिक बैठक होगी।
वित्त मंत्री अरण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की अगली बैठक अब 24-25 नवंबर को होगी.