वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि एक बार वस्तु और सेवाकर ( जीएसटी) लागू हो जाने के बाद व्यापार करना और आसान हो जाएगा तथा इससे बड़ी तादात में कारोबारियों और लोगों को राहत मिलेगी।
उन्होंने कि देश में करों में एकरूपता लाने के लिए जीएसटी एक बड़ा कदम है।
वित्त मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में अप्रत्यक्ष कर सुधार के दिशा में बुधवार का दिन ऐतिहासिक था जब भारतीय राजनीति की परिपक्वता देखने को मिली।
अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू होने से लंबी अवधि में महंगाई में कमी आ सकती है। उन्होंने कहा कि अगर हम लंबे अरसे में देखें तो टैक्स रेट नीचे आएगा और अगर करों की दरें नीचे आती हैं तो स्वाभाविक है कि बहुत चीजें और वस्तुएं ऐसी होंगी जिसके दाम कम हो सकते हैं।
अब आने वाले दिनों में इसका आगे जो रोड मैप है हम लोग प्रयास करेंगे कि शीघ्र से शीघ्र उसको पूरा करके जो प्रक्रिया चल रही है इसको लागू किया जाए।
उन्होंने कहा कि लोकसभा की दृष्टि से हम लोगों ने नोटिस दे दिया है क्योंकि राज्यसभा में कुछ जो अतिरिक्त सुधार किए गए हैं वो लोकसभा में जाने होंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों ने इस विधेयक का जोरदार समर्थन किया क्योंकि उन्हें लगा कि इससे उनका राजस्व बढ़ेगा।
वित्त मंत्री ने जीएसटी को पारित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में जनमत को भी श्रेय दिया।
उन्होंने बताया कि आदर्श जीएसटी विधेयक में 233 परिच्छेद हैं और उद्योग जगत से दो महीने में इस पर 40 हज़ार पृष्ठों में सुझाव मिले।
इन सभी सुझावों का अध्ययन करने और उस पर कार्यवाही करने के लिए एक दल गठित किया गया था।
राजस्व सचिव हसमुख अढि़या ने कहा कि अगले वर्ष मार्च तक केन्द्र और राज्य सरकारों के 60 हज़ार कर्मचारियों को जीएसटी कानून और इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी जाएगी।