गुजरात में साल 2002 में गोधरा कांड के बाद गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले में गुरुवार को एक विशेष न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए 24 लोगों को दोषी करार दिया है। इसमें 11 आरोपियों को अदालत ने हत्या के आरोप में दोषी करार दिया है।
इस मामले में अदालत ने 36 लोगों को बरी कर दिया है जिनमें बीजेपी के पार्षद बिपिन पटेल भी शामिल हैं।
अदालत ने किसी भी आरोपी को आपराधिक षडयंत्र रचने के आरोप में दोषी करार नहीं दिया है। अदालत सभी आरोपियों की सजा पर ऐलान 6 जून को करेगी।
गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 69 लोग मारे गए थे।
विशेष अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि यह घटनाक्रम साजिश के तहत नहीं हुआ था। इस मामले में आरोपी भी 69 ही थे। जिसमें से चार आरोपियों की मुकदमें के दौरान मौत हो चुकी है।
इस मामले में पिछले सप्ताह दो आरोपियों नारायण टैंक और बाबू राठौड़ ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए कोर्ट से आग्रह किया था कि उनका नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराया जाए।
अदालत ने दोनों आरोपियों की इस दलील को खारिज कर दिया था क्योंकि अब इस मामले में फैसला आने वाला है।