राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 122वें संविधान संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिये हैं। इसके बाद सरकार के लिये पूरे देश में एक समान वस्तु और उत्पाद कर लागू करने का रास्ता साफ हो गया है।
17 राज्यों द्वारा मंजूरी दिये जाने के बाद जीएसटी से जुड़े विधेयक को सरकार ने राष्ट्रपति की मंजूरी के लिये भेजा था।
राज्य सभा ने 8 अगस्त को जीएसटी से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को पास किया था लेकिन संविधान संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिये भेजे जाने से पहले आधे राज्यों की विधानसभाओं से पारित करवाना जरूरी था।
कुछ दिन पहले ही ओडिशा विधानसभा ने जीएसटी बिल को पास कर दिया था, जिसके बाद ऐसा करने वाला वह देश का 16वां राज्य बन गया था।
भाजपा शासित राज्य असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने संसद से संविधान संशोधन विधेयक पारित होने के बाद सबसे पहले अपने राज्य में यह विधेयक पारित करवाया था।
राष्ट्रपति की सहमति के बाद जीएसटी काउंसिल की अधिसूचना जारी की जाएगी जो कि टैक्स की दरों को तय करेगी।
इसके बाद सरकार संसद से जीएसटी से जुड़े 2 और विधेयक पारित करवायेगी जिसमें एक केंद्रीय करों और दूसरा राज्य के करों से संबंधित होगा।
इसके बाद सरकार की कोशिश है कि अगले वित्तीय वर्ष जो कि 1 अप्रैल 2016 से शुरू हो रहा है से जीएसटी को देश भर में लागू कर दिया जाये।