अमेरिका ने पाकिस्तान में चल रहे 2008 मुंबई आतंकी हमले के मामले की सुनवाई में और तेजी लाने की मांग करते हुए कहा।
अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा कि हम इस मामले में स्पष्ट रूप से कहते रहे हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका इस मामले में जवाबदेही और न्याय चाहते हैं।
टोनर ने कहा कि पाकिस्तान को सभी आतंकी समूहों को निशाना बनाना चाहिए। लेकिन फिलहाल पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की योजना नहीं है।
मुंबई हमलों का जिक्र करते हुए टोनर ने कहा, उस नृशंस हमले में मारे गए लोगों में अमेरिकी नागरिक शामिल थे। हम लंबे समय से आतंकवाद विरोधी सहयोग को और बेहतर बनाने पर पर जोर देते रहे हैं और उसमें इस मामले के संबंध में भारत और पाकिस्तान के बीच खुफिया जानकारियों का आदान प्रदान भी शामिल है।
अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी जमीन पर काम कर रहे या सुरक्षित पनाह तलाश रहे सभी आतंकवादी समूहों पर कार्रवाई करने की जरूरत है। और यह काफी समय से हमारा स्पष्ट उद्देश्य रहा है। हमने प्रगति देखी है, लेकिन और भी बहुत कुछ करने की जरूरत है।पाकिस्तान में मामले की सुनवाई शुरू हुए छह साल से ज्यादा समय हो गया है। हमले के सरगना लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी को करीब एक साल पहले जेल से रिहा कर दिया गया था। वह अब किसी अज्ञात जगह पर रह रहा है।
बाकी छह दूसरे संदिग्ध रावलपिंडी के अदियाला जेल में बंद हैं। भारत ने निचली अदालत में बयान दर्ज कराने के लिए अब तक वहां 24 गवाह नहीं भेजे हैं जिस वजह से अदालती कार्यवाही रुकी हुई है। पाकिस्तान का कहना है कि जब तक भारत गवाह नहीं भेजता तब तक सुनवाई पूरी नहीं हो सकती।
साथ ही टोनर ने कहा कि पाकिस्तान को सभी आतंकी समूहों को निशाना बनाना चाहिए और इनमें उन समूहों को भी शामिल किया जाना चाहिए, जो उसके पड़ोसी देशों को निशाना बनाते हैं।
हालांकि अमेरिका ने यह भी कहा है कि वह आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की योजना नहीं बना रहा है।