तमिलनाडु में सत्ता की लड़ाई में मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम को आज उस समय और ताकत मिली जब शशिकला का साथ छोड़कर अन्नाद्रमुक के एक विधायक और तीन सांसद उनके साथ हो गए जबकि अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला ने परोक्ष चेतावनी दी कि उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण में हो रही देरी के खिलाफ रविवार को प्रदर्शन कर सकती हैं। इस बीच पुलिस ने राजधानी चेन्नई में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।
नेताओं पर पार्टी कार्यकर्ताओं के बढ़ते दबाव और जनभावना के बीच विधायक एवं स्कूली शिक्षा मंत्री के. पांडियाराजन, सांसद पीआर सुंदरम, के. अशोक कुमार और सत्यबामा आज मुख्यमंत्री के धड़े में चले गए। शनिवार शाम को पार्टी प्रवक्ता एवं एमजीआर मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे सी. पोन्नैयन ने भी मुख्यमंत्री निवास पर जाकर उन्हें अपना समर्थन दे दिया।
इस तरह, पनीरसेल्वम धड़े में अब उनके समेत सात विधायक हैं। तमिलनाडु की 235 सदस्यीय विधानसभा में अन्नाद्रमुक के 135 विधायक हैं। एक पूर्व मंत्री एम एम राजेंद्र प्रसाद भी मुख्यमंत्री खेमे में शामिल हो गए। नेताओं के साथ छोड़ने से विचलित शशिकला विधायकों को पाला बदलने से रोकने के प्रयास के तहत आज यहां से करीब 100 किलोमीटर दूर एक पर्यटक स्थल पर पहुंचीं जहां तीन दिनों से विधायकों को रखा गया है। शशिकला अन्नाद्रमुक विधायक दल की नेता चुनी गयी थीं।
विधायकों के साथ शशिकला की भेंट के बाद पार्टी के अध्यक्ष मंडल के अध्यक्ष के. ए. सेंगोट्टैयन ने संवाददाताओं से कहा कि विधायकों ने उनके मुख्यमंत्री बनने तक उनका समर्थन करने का संकल्प लिया। मधुसूदनन को हटाकर सेंगोट्टैयन को प्रेसीडियम चेयरमैन नियुक्त किया गया था। इंतजार करवाये जाने पर शशिकला ने देर रात कहा, ‘आज हमने सब्र किया, कल हम प्रदर्शन करेंगे।’
उससे पहले शशिकला ने शनिवार दोपहर राज्यपाल सी. विद्यासागर राव को पत्र लिखकर उन्हें यथाशीघ्र मुख्यमंत्री की शपथ दिलाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि वह उनके सामने अपने समर्थक विधायकों की परेड कराने को भी तैयार हैं। उन्होंने उनसे कहा था कि गुरुवार को उन्होंने इस बात को विस्तार से पेश किया था कि उनके पास पूर्ण बहुमत है और उन्हें सरकार बनाने के लिए निमंत्रित किया जाए। उन्होंने अन्नाद्रमुक विधायक दल की नेता चुने जाने के प्रस्ताव की प्रति भी उन्हें सौंपी थी।
उन्होंने कहा था कि उन्हें यकीन है कि राज्यपाल संविधान, लोकतंत्र की संप्रभुता एवं तमिलनाडु के हितों की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठायेंगे। अपने निवास पर शशिकला ने शपथ ग्रहण में देरी के विरूद्ध परोक्ष चेतावनी देते हुए कहा था, ‘निष्पक्षता एवं लोकतंत्र में अपने विश्वास के चलते हमने सब्र किया है। हमारे अंदर एक सीमा तक ही सब्र हो सकता है उसके बाद तो हम तय करेंगे कि हम क्या करेंगे।’
इस बीच पुलिस ने कहा कि असामाजिक तत्वों को कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी करने से रोकने के लिए शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। पुलिसने गश्ती तेज कर दी है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता है। उधर, रामदास की अगुवाई वाली पीएमके और भाकपा ने आज कहा कि तमिलनाडु में वर्तमान राजनीतिक संकट का हल ढूढा जाना चाहिए क्योकि प्रशासन थम गया है।