सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार पटाखों का उपयोग सिर्फ रात्रि 10 बजे तक किया जाना चाहिए और वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के नियमों के मुताबिक पटाखों के शोर का स्तर 125 Db से अधिक नहीं होना चाहिये। आगे पढ़ें
नवरात्रों के दौरान मंदिर में उत्सव की वजह से मध्यरात्रि से ही आतिशबाजी की जा रही थी जिसे देखने के लिये हजारों की संख्या में लोग मंदिर परिसर और इसके पास एकत्रित हुये थे। आगे पढ़ें