रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की कोशिश की लेकिन पाकिस्तान ने बातचीत की कोशिशों का जवाब आतंकवाद से दिया और द्विपक्षीय बातचीत का माहौल बनने नहीं दिया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि कि कश्मीर की स्थिति को जैसा समझा जा रहा है वहां के हालात उससे कहीं बेहतर हैं।
उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से तनाव कम करने के लिए काफी प्रयास किए हैं लेकिन पाकिस्तान ने हमेशा आतंक का साथ देकर रिश्ते खटास में डाल दिए।
पीएम मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री समेत सार्क नेताओं को आमंत्रित किया। उसके बाद उन्होंने लाहौर की यात्रा की. ये सारे कदम अपने पड़ोसी के साथ तनाव को कम करने की दिशा में ही उठाए गए।
भारत सरकार की तरफ से उठाए गए इन कदमों के बाद पाकिस्तान ने इसका जवाब पठानकोट, उरी और सैनिकों के शव के साथ बर्बरता के रूप में दिया गया। बातचीत के माहौल को पाकिस्तान ने खत्म किया।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने सीमा पार से आ रहे आतंकवादियों या घरेलू आतंकवादियों की पैदा की जा रहीं मुश्किलों के बावजूद नियंत्रण रेख पर दबदबा बना रखा है।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि सुरक्षा बल उन पर बहुत दवाब बनाने में कामयाब हुए हैं और ये रोजना दिखता भी है. कश्मीर की स्थिती को जितना समझा जा रहा है वह उससे कहीं बेहतर हैं।
भारत-पाक सीमा और नियंत्रण रेखा पर हमारी सेना पूरी तरह मुस्तैद है और वह घुसपैठ रोकने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है।
सेना ने पिछले सप्ताह नियंत्रण रेखा के समीप पाकिस्तान के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की थी।