नोटबंदी की घोषणा के बाद बैंकों में हुई जमाओं की छानबीन पर स्पष्टीकरण देते हुए आयकर विभाग ने सोमवार को कहा कि ढाई लाख रुपये तक की जमाओं के बारे में कोई भी पूछताछ नहीं की जाएगी और सिर्फ उन्हीं खातों की जांच होगी, जिनका कर रिटर्न से मेल नहीं दिखेगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) चेयरमैन सुशील चंद्रा ने यहां सीआईआई द्वारा बजट पर आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि एक सही व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है। हमारी कोशिश होगी कि सही व्यक्ति को परेशानी नहीं हो।
उन्होंने कहा कि हमने दो लाख रुपये से 80 लाख रुपये के बीच और 80 लाख रुपये तथा उससे अधिक की (जमाओं के लिए) आंकड़े हासिल किए (और उन्हें अलग किए)।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि ढाई लाख रुपये तक (की जमाओं के लिए) हम (सवाल) नहीं पूछेंगे, इसलिए हमने फिलहाल उस आंकड़े को किनारे कर दिया है।
चंद्रा ने कहा कि विभाग ने नोटबंदी के बाद पुराने नोट जमा करने के लिए दिए गए 50 दिनों की अवधि में पांच लाख रुपये से अधिक की सभी जमाओं की पहचान की है।