अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के सामने एक बार फिर से सियासी संकट खड़ा हो गया है। एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस के मुख्यमंत्री पेमा खांडू समेत 42 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी है। ये सभी कांग्रेसी विधायक पीपल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश (PPA) में शामिल होंगे। PPA अरुणाचल प्रदेश में भाजपा समर्थित नेडा (North East Development Alliance – NEDA) का हिस्सा है।
स्थानीय खबरों के मुताबिक मुख्यमंत्री खांडू ने विधानसभा अध्यक्ष को जानकारी दी कि उन्होंने अपनी पार्टी का पीपीए में विलय कर लिया है।
खबरों के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष ने इस विलय को स्वीकार कर लिया है और अब इसकी जानकारी विधानसभा बुलेटिन में प्रकाशित की जाने की उम्मीद है।
कांग्रेस के 46 विधायक हैं और इनमें से 42 विधायकों के पार्टी छोड़ दी है। वहीं भाजपा के पास 11 विधायक हैं। पेमा खांडू पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत दोरजी खांडू के बेटे हैं।
अरुणाचल प्रदेश में इस वर्ष के आरंभ से ही विवाद चल रहा है। पहले कालिखो पुल ने भाजपा के समर्थन से सरकार बनायी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उन्हें पद छोड़ना पड़ा और बाद में उनका शव संदिग्ध परिस्थितियों में घर में लटका पाया गया।
प्रारंभिक जांच के अनुसार सरकार गिरने के बाद उन्होंने अवसाद में आत्महत्या कर ली। लेकिन इस मामले की जांच के आदेश दिये गये थे।
16 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से कालिखो पुल की सरकार गिरने के बाद कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री नाबम तुकी के नेतृत्व में सरकार बनाने का फैसला लिया था लेकिन बागी धड़े ने पेमा खाण्डू को कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री के तौर पर चुना था।
कांग्रेस में पहली बगावत पिछले साल नवंबर में हुई थी और उस समय नबाम तुकी की सरकार गिर गई थी और राष्ट्रपित शासन लग गया था।
इस साल फरवरी में कांग्रेस के बागी कालिखो पुल ने नयी सरकार बनायी थी जिसे बाहर से भाजपा का समर्थन हासिल था लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने 14 जुलाई के आदेश में उस सरकार को अवैध घोषित कर दिया था।