पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों से साफ है कि पहली बार उत्तर पूर्व के किसी राज्य में भाजपा सरकार बनाने जा रही है। असम में पार्टी को सहयोगियों के साथ दो तिहाई से ज्यादा बहुमत मिला है और तीन बार मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
किंगमेकर की भूमिका निभाने का इरादा रखने वाले एआईयूडीएफ के बदरुद्दीन अजमल खुद चुनाव हार गये हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा की असम इकाई और पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सर्बानंदा सोनोवाल को बधाई दी है।
सर्बानंदा सोनोवाल ने कहा है कि असम में बांग्लादेश से घुसपैठ को रोकने के लिये सीमा को सीलबंद करना उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि नागरिकों का रजिस्टर तैयार करने का काम भी तय समय में पूरा किया जायेगा ताकि घुसपैठियों पर लगाम लग सके।
पश्चिम बंगाल में वामदल और कांग्रेस का अघोषित गठबंधन ममता बनर्जी की तेज आंधी के सामने कहीं टिक नहीं पाया और ममता बनर्जी दो तिहाई से ज्यादा बहुमत से सत्ता में वापस लौटी हैं।
हालांकि सीटों के मामले में कांग्रेस ने 40 से ज्यादा सीटें हासिल कर लेफ्ट को पीछे छोड़ दिया है जिसे 30 से ज्यादा सीटें मिल रही हैं।
इस तरह से कांग्रेस राज्य में वाम गठबंधन को हटाकर मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में आ गयी है।
तमिलनाडु में जयललिता ने बिना किसी गठबंधन के स्पष्ट बहुमत हासिल कर इतिहास रचा है। कांग्रेस और डीएमके का गठबंधन जयललिता को रोकने में नाकाम रहा है।
केरल में जैसी उम्मीद थी वैसा ही हुआ। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी ओमेन चाण्डी की सरकार को करारा झटका लगा है और वाम मोर्चा स्पष्ट बहुमत हासिल करने में सफल रहा है।
हालांकि भाजपा भी एक सीट जीतने में कामयाब रही। भाजपा का वोट प्रतिशत 10.7 है और उसे केवल एक ही सीट मिली जबकि सीपीआई का वोट शेयर 9 प्रतिशत से कम है लेकिन पार्टी ने राज्य में 19 सीटें जीती हैं।
नतीजों कों कांग्रेस के लिये बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि पार्टी केरल और असम में सत्ता गंवा बैठी और पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में सरकार बनाने का सपना भी पूरा नहीं हुआ।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर जीतने वाले दलों को बधाई दी और ज्यादा मेहनत कर जनता का दिल जीतने की बात दोहराई।
कांग्रेस के लिये संतोष के तौर उसे पुड्डुचेरी में सहयोगी डीएमके के साथ सरकार बनाने का मौका मिल रहा है।