सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को कैबिनेट ने मंज़ूरी दे दी। इन सिफारिशों के अनुसार एक करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में वृद्धि होगी।
सरकार ने वेतन आयोग की 2.57 फिटमेंट फैक्टर की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। सरकार का कहना है कि इन सिफारिशों के लागू होने से सरकारी कर्मचारियों का वेतन प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों से ज्यादा हो जाएगा।
हालांकि सरकार ने भत्तों के बारे में सिफारिशों पर फैसला नहीं लिया है और पुराने भत्ते जारी रहेंगे।
नए भत्तों के बारे में की गयी सिफारिशों के बारे में फैसला करने के लिये सचिवों की कमेटी बनाने का फैसला किया है जो सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगी ।
सरकार का ये फैसला एक जनवरी 2016 से लागू होगा और कर्मचारियों को पुराना वेतन एरियर के तौर पर मिलेगा । एरियर इसी साल दिया जाएगा । कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन बढ़कर 18,000 रुपए प्रति माह हो जाएगा ।
अभी ये 7,000 रूपए मासिक है। कैबिनेट के इस फैसले से केंद्र सरकार के करीब 47 लाख कर्मचारियों और करीब 53 लाख पेंशनधारकों को फायदा होगा।
फैसले के चलते सरकारी खजाने पर सालाना 1 लाख दो हजार करोड़ रुपए का सलाना बोझ पड़ेगा जो सकल घरेलू उत्पाद के करीब 0.7 प्रतिशत के बराबर होगा । सरकार ने पहले ही बजट में इसके लिए 70 हजार करोड का इंतजाम किया है ।
कर्मचारियों को वार्षिक तीन प्रतिशत की वेतन वृद्धि मिलेगी । सरकार ने ग्रेच्युटी की दर दस लाख से बढाकर बीस लाख कर दी है । कर्मचारियों को घर बनाने के लिए मिलने वाले लोन की राशि बढा दी गयी है ।
जस्टिस माथुर की अध्यक्षता में गठित सातवें वेतन आयोग ने पिछले साल नवंबर में वित्त मंत्री अरुण जेटली को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी । इसके बाद सरकार ने इसकी जांच और इसको लागू करने के बारे में रिपोर्ट देने के लिए इस साल जनवरी में मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक उच्चाधिकारप्राप्त समिति का गठन किया था।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक सेना और अर्धसैनिक बलों के वेतन में असमानता आ रही थी लेकिन इसे दूर करने के लिए सेनाओं को अतिरिक्त पैसे मिलेंगे ।
वेतन आयोग ने कर्मचारियों के सामूहिक बीमा के लिए 1500 से 5000 तक की कटौती की सिफारिश की थी लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया है ।
सरकार कर्मचारियों को कम कीमत वाले बीमा का विकल्प देगी । कुल मिलाकर कर्मचारियों को फायदा देने के लिए सरकार ने ज्यादातर सिफारिशें स्वीकार कर ली हैं और जल्द ही कर्मचारियों को बढा वेतन मिलेगा ।
लेकिन केंद्रीय कर्मियों की ट्रेड यूनियनों ने इस वृद्धि को अपर्याप्त बताते हुये अस्वीकार कर दिया है और हड़ताल पर जाने की धमकी दी है।