सरकार ने देश भर के स्वयं सेवी संगठनों पर शिंकजा कसना शुरु कर दिया है। केंद्र सरकार ने देश के करीब 20,000 एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस को रद्द कर दिया है।
केंद्र सरकार के इन देश के 20,000 एनजीओ पर इसलिए कार्रवाई की है क्योंकि इन एनजीओ ने विदेशी चंदा नियम कानून के प्रावधानों वाले नियम तोडने पर कार्रवाई की है।
अब यह 20,000 एनजीओ विदेशी चंदा नहीं ले सकेंगे। इस बावत केंद्रीय गृह मंत्रालय के विदेश विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान गृह मंत्री राजनाथ सिंह को इस बारे में पूरी जानकारी दी गई है।
खबरों के मुताबिक गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि करीब 20,000 एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद अब पूरे भारत में सिर्फ 13,000 एनजीओ कानूनी तौर पर मान्य रह गए हैं।
यह सभी एनजीओ ही अब विदेशी चंदा ले सकेंगे। आपको बताते चलें कि इन सारे एनजीओ के कामकाज की समीक्षा को लेकर सरकार पिछले एक साल से जुटी हुई थी।
इसके अलावा देश में अभी भी अन्य एनजीओ के कामकाज को लेकर समीक्षा की जा रही है और आगे भी यह समीक्षा चलती रहेगी। 13,000 मान्यता प्राप्त एनजीओ में से करीब 3,000 ने लाइसेंस के नवीनीकरण के आवेदन किया है।
गृह मंत्रालय को एफसीआरए के तहत पंजीकरण के लिए 2,000 नए आवेदन मिले हैं। इनके अलावा 300 एनजीओ अभी पूर्व अनुमति श्रेणी के दायरे में हैं, पर यह सभी एफसीआरए के तहत रजिर्स्ड नहीं हैं।