पाकिस्तान के साथ संबंध भारत की किसी भी सरकार के लिए सबसे बड़ी दुविधा की बात होती है । 2014 में सत्ता संभालने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद् मोदी की सरकार ने पाकिस्तान के साथ रिश्तों को लेकर काफी प्रयास किए हैं ।
चाहे वो पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ को शपथ ग्रहण के लिए दिया गया न्यौता हो या फिर पीएम की लाहौर यात्रा , हर बार खुद पीएम मोदी ने रिश्तों की नई इबारत लिखने की पहल की है । लेकिन पठानकोट हमला हो या फिर दो दिन पहले पंपोर में सीआरपीएफ की बस पर को निशाना बनाने की घटना, हर बार पाकिस्तान पर ही उंगली उठ रही है ।
पड़ोसी देश के इस रुख को देखते हुए प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि पाकिस्तान को लेकर भारत को हर पल सजग रहना होगा और उसमें कोई ढिलाई और कोताही नहीं बरती जा रही है ।
समाचार चैनल टॉइम्स नाऊ को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने सरकार के प्रयासों की वजह से अंतरराष्ट्रीय जगत में पाकिस्तान को हो रही मुश्किल पर भी बात की और कहा कि तमाम मंचों पर पाकिस्तान को दुनिया को जवाब देना भारी पड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सीमा पर भारतीय जवानों को खुली छूट है और वो करारा जवाब दे रहे हैं ।
गौरतलब है कि पठानकोट हमले के बाद पाकिस्तान के साथ भारत की बातचीत स्थगित हो गयी थी । इस हमले में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद की भूमिका सामने आई थी ।
भारत ने पाकिस्तान से जैश के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी कहा था लेकिन पाकिस्तान की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसके अलावा जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादी की गिरफ्तारी के बाद भी पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब हुआ है। यही वजह है कि दुनिया के देश भी अब आतंकवाद पर पाक की भूमिका को लेकर गंभीर हो गए हैं ।