संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने के कुछ घंटे बाद भारत ने आज पाकिस्तान को एक ‘आतंकी देश’ बताया। भारत ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करने की अपनी दीर्घकालिक रणनीति के जरिए भारतीयों के खिलाफ युद्ध अपराधों को अंजाम देता है।
एक सख्त संदेश में भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि जिन लोगों को विश्व संस्था ने आतंकवादी करार दिया है, वे पाकिस्तान की सड़कों पर खुले आम घूमते हैं और सरकार की मदद से अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
जम्मू-कश्मीर की स्थिति के बारे में लगाए गए आरोपों का जवाब देते समय संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की पहली सचिव ई. गंभीर ने कहा कि मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन आतंकवाद है।
भारतीय अधिकारी ने कहा कि जब इसका इस्तेमाल सरकारी नीति के तौर पर किया जाता है तो यह एक युद्ध अपराध है। ई. गंभीर ने कहा कि मेरा देश और अन्य देश आज पाकिस्तान की आतंकवाद को प्रायोजित करने की दीर्घकालिक नीति का सामना कर रहे हैं, जिसके परिणाम हमारे क्षेत्र के बाहर भी फैले हैं।
भारतीय अधिकारी ने कहा कि भारत पाकिस्तान को ‘एक आतंकी देश’ के रूप में देखता है, जो अपने पड़ोसियों के खिलाफ छेड़े गए परोक्ष आतंकी युद्धों में अरबों डॉलर का इस्तेमाल आतंकी समूहों के प्रशिक्षण, वित्त पोषण और मदद के लिए करता है।
अधिकारी ने कहा कि इसमें से अधिकतर राशि अंतरराष्ट्रीय मदद से मिलती है।
जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और मुंबई आतंकी हमले के मास्टर माइंड जकीउर रहमान लखवी का संदर्भ देते हुए गंभीर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकी करार दिए गए संगठन और उनके नेता पाकिस्तान की सड़कों पर खुले आम घूमते हैं और सरकार की मदद से अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
भारत ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों की मिली भगत के साथ कई आतंकी संगठन पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों का खुला उल्लंघन करते हुए खुले आम धन जुटाते हैं।
भारत ने कहा कि पाकिस्तान बात तो संयम, त्याग और शांति की करता है लेकिन उसके परमाणु प्रसार के रिकॉर्ड पर धूर्तता और कपट की छाप है।
विदेश विभाग के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने भी आधिकारिक तौर पर कश्मीप पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की टिप्पणी का जोरदार जवाब दिया।
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