राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) में प्रतिनियुक्ति पर तैनात मोहम्मद तंजील अहमद की शनिवार देर रात उत्तर प्रदेश के बिजनौर में दर्जनों गोलियां मारकर नृशंस हत्या कर दी गयी।
सिमी के आतंकी हमलों सहित कई संवेदनशील मामलों की जांच से जुड़े तंजील अहमद बिजनौर के सहसपुर इलाके में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद अपने परिवार के साथ घर लौट रहे थे तब मोटर साइकिल पर सवार दो अज्ञात व्यक्तियों ने उन पर हमला किया।
स्थानीय समाचार पत्रों में तंजील के बच्चों के हवाले से कहा जा रहा है कि तंजील अहमद ने पिस्तौल निकालने की कोशिश की लेकिन हमलावरों ने उन्हें मौका नहीं दिया।
रिपोर्टों के मुताबिक उन पर 9 मिलीमीटर की पिस्तौल से गोलियां दागी गयीं जो कि आम जनता के लिये उपलब्ध नहीं है।
तंजील अहमद को 20 से ज्यादा गोलियां लगीं जिसमें से 9 उनके आर-पार हो गयीं। उनकी पत्नी फरजाना खातून को भी चार गोलियां लगी हैं और गंभीर हालत में उनका इलाज नोएडा के निजी अस्पताल में किया जा रहा है।
हालांकि तंजील अहमद द्वारा बच्चों को समय रहते सिर झुकाने के लिये सावधान कर देने से उनकी बेटी जिमनिस और बेटा शाहबाज हमले में बाल-बाल बच गये।
तंजील अहमद सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force – BSF) में अधिकारी थे और पिछले 6 सालों से NIA में प्रतिनियुक्ति पर थे।
तंजील अहमद ने पठानकोट हमले की जांच करने आयी पाकिस्तान की संयुक्त जांच टीम (JIT) के लायसन अफसर के रूप में भी काम किया था और उस दौरे के बाद छुट्टी लेकर अपने गृह जनपद गये थे।
कई अहम मामलों की जांच से जुड़े अधिकारी की हत्या के बाद जांच अधिकारियों और खुफिया अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गयी है।
रविवार रात को जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के कब्रिस्तान में तंजील अहमद को पूरे राजकीय सम्मान के साथ दफन कर दिया गया है।
तंजील अहमद की हत्या की जांच एनआईए के आईजी स्तर के अधिकारी और उत्तर प्रदेश पुलिस संयुक्त रूप से कर रही हैं।