राज्य सभा के 53 सांसदों की विदाई के साथ ही शुक्रवार को संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा पूरा हो गया। इससे पहले लोकसभा तय समय से 2 दिन पहले बुधवार को अनिश्चितिकाल के लिये स्थगित कर दी गयी थी।
आरंभिक गतिरोध के बाद बजट सत्र के दूसरे हिस्से में भी कुछ विधायी कार्य संपन्न हुये।
सरकार सहमति नहीं बन पाने की वजह से जीएसटी यानी एक समान उत्पाद और सेवाकर के लिये संवैधानिक संशोधन को नहीं लायी लेकिन लोकसभा में 10 तो राज्यसभा में 12 विधेयक पास हुए।
सरकार के लिये बड़ी सफलता इस बात की है कि अनुसूचित जातियों की सूची में बदलाव के लिये जरूरी कानून में परिवर्तन संसद से पास हो गया साथ ही दीवालिया कंपनियों को आसानी और तय समय में बंद करने के लिये एक विधेयक भी।
दोनों सदनों ने वित्त विधेयक 2016 और विनियोग विधेयक संख्या 2 को भी अपनी सहमति दी।
हालांकि इस बार सबसे ज्यादा चर्चा रही भाजपा नेता और राज्य सभा के नामित सदस्य सुब्रमणि्यन स्वामी द्वारा उठाये गये आगस्टा वेस्टलैण्ड हेलीकॉप्टर घोटाले पर चर्चा की।
इस मामले पर भाजपा और कांग्रेस सदस्यों के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई। लेकिन अप्रत्याशित रूप से भाजपा को इसमें तृणमूल सांसद सुखेंदु शेकर राय का समर्थन भी मिला।
इस बार लोकसभा में तय घंटों के 118% और राज्यसभा में 87% काम हुआ।
कई अहम विधेयक भी बजट सत्र के दूसरे हिस्से में पास हुए। इनमें वित्त विधेयक 2016, रेलवे विनियोग विधेयक, दीवालिया कंपनियों के लिये विधेयक, खान एवं खनिज विकास एवं नियमन विधेयक, औद्योगिक विकास एवं नियमन विधेयक और एंटी हाईजैकिंग विधेयक शामिल हैं।
संसद के दोनों सदनों ने एक ही दिन के भीतर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय विधेयक पास किया।
साल 2004 से 2014 के बीच यूपीए के शासनकाल लोकसभा में हर साल औसतन 70 बैठकें हुईं और सालाना 45 विधेयक पास हुए। इसके अलावा पिछले दो साल में मोदी सरकार ने 1175 अनुपयोगी और पुराने पड़ चुके कानूनों को भी खत्म किया।
राज्य सभा में 53 सांसदों के विदाई के अवसर पर चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी नहीं पास होने पर अपनी तकलीफ जाहिर की।
प्रधानमंत्री ने कहा: “GST से बिहार का भरपूर लाभ होने वाला था, यूपी को भरपूर लाभ होने वाला था। एक या दो राज्य को छोड़ करके सब राज्यों को भरपूर फायदा होने वाला था और इस सदन में आए हुए लोगों का ये दायित्व बनता था और ये गर्व है कि अब आपको वो मौका नहीं मिला है। लेकिन आप में से जो वापिस आएंगे मुझे विश्वास है उनको ये अवसर मिलेगा।”
I wish passage of GST & Compensatory Afforestation Fund Bill would have happened in the presence of retiring MPs. https://t.co/nkGNclBxt1
— Narendra Modi (@narendramodi) May 13, 2016
जाहिर सी बात है कि जीएसटी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कोई सहमति नहीं बन पायी है और इसका भविष्य अभी भी अनिश्चित है।