राजनाथ सिंह ने आतंकी की मौत को शहादत के तौर पर दिखाने के लिए पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आतंकी की मौत की प्रशंसा नहीं की जानी चाहिए।
सार्क सम्मेलन के दौरान आतंकवाद और इसे बढ़ावा देने वाले देशों पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री ने सार्क के लक्ष्यों को हासिल करने में आतंकवाद को सबसे बड़ी बाधा बताया।
गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद की आलोचना करना ही काफी नहीं है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए न केवल संगठनों बल्कि व्यक्तिगत लोगों, संस्थानों और राष्ट्रों के खिलाफ भी कड़े कदम उठाने होंगे।
सम्मेलन के दौरान आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी, सार्क क्षेत्रीय समझौते के कार्यान्वयन, आपराधिक मामलों में आपसी सहयोग, साइबर अपराध और मानव तस्करी को रोकने में सहयोग जैसे मुद्दो पर पर ध्यान केन्द्रित किया गया।
सम्मेलन के दौरान 2014 में हुए छठे सम्मेलन में लिए गए फैसलों की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
राजनाथ सिंह ने सदस्य देशों के समकक्ष मंत्रियों के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की और दोपहर बाद वे स्वेदश वापस आ गए थे।
इससे पूर्व, गृह और आंतरिक सचिवों की बैठक के दौरान भारत ने आपसी कानूनी सहायता संधि की आवश्यकता पर जोर दिया। इससे प्रत्यर्पण संधि का मार्ग प्रशस्त होगा।