राज्य स्तर पर सूचना के अधिकार कानून को लागू कर पाना अभी भी चुनौती बना हुआ है लेकिन उत्तर प्रदेश में इस हालत को सुधारने की पहल राज्य सूचना आयोग के स्तर पर होती दिख रही है।
2005 में केंद्र स्तर पर सूचना का अधिकार कानून बनने के बाद राज्यों ने उसी तर्ज पर अपने यहां कानून तो बना डाले लेकिन इनके अमल को लेकर चिंता बनी हुई है।
राज्य स्तर पर जन सूचना अधिकारियों में सूचना को दबाने की प्रवृत्ति, अनुपयुक्त कारण बताकर सूचना देने से इंकार करना, आरटीआई आवेदकों को परेशान करना और आरटीआई कानूनों की समुचित जानकारी न होना आम बात है।
22 मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने 10 जनसूचना अधिकारियों को दण्डित किया है।
दण्डित अधिकारियों की सूची इस प्रकार है।
1. संयुक्त शिक्षा निदेशक, सहारनपुर मण्डल,
2. तहसीलदार सदर, शामली, सहारनपुर,
3. मुख्य चिकित्सा अधिकारी, शामली,
4. अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड, सम्भल,
5. ग्राम पंचायत अधिकारी, पंचायत भारतल विकास खण्ड, सम्भल,
6. खण्ड विकास अधिकारी, विकास खण्ड शामली,
7. ए0डी0ओ0, पंचायत विकास खण्ड कांधला, शामली,
8. खण्ड विकास अधिकारी, विकास खण्ड कैराना, शामली,
9. खण्ड विकास अधिकारी, विकास खण्ड बहजोई, सम्भल,
10. ग्राम अधिकारी, पंचायत सैदपुर विकास खण्ड, असमौली, सम्भल।