गैंगरेप के आरोपी गायत्री प्रजापति को सुप्रीम कोर्ट से दोहरा झटका लगा है। कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने या आदेश में बदलाव करने से इनकार किया। कोर्ट ने कहा कि हमने सिर्फ FIR दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए थे।
हमने न तो गिरफ्तारी के आदेश दिए और न ही वारंट जारी किए। अगर निचली अदालत ने गैर जनानती वारंट हासिल किए हैं तो गायत्री प्रजापति कोर्ट में जाकर इसे चुनौती दें। कोर्ट इस मामले में कोई आदेश जारी नहीं करेगा।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में वह जमानत या किसी भी तरीके के कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल कर सकते हैं। गायत्री प्रजापति ने आरोप लगाया है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और शिकायतकर्ता महिला आदतन ब्लैकमेलर है। यूपी के राज्यपाल राम नाइक ने गायत्री प्रजापति को अखिलेश सरकार में बनाए रखने पर सवाल उठाए हैं। इस सिलसिले में उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक पत्र भी लिखा है।
गायत्री प्रजापति एक रेप केस में आरोपी है और फिलहाल फरार है और उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी है और पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है. गायत्री प्रजापति के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. इस बीच पीड़ित परिवार ने पुलिस पर दबाव बनाने और परेशान करने के आरोप लगाए हैं।
इसके साथ ही सवाल ये भी हैं कि यूपी के कद्दावर मंत्री गायत्री प्रजापति 27 फरवरी के बाद कहां हैं। इसका यूपी पुलिस के पास कोई जबाब नहीं. कहने को तो उनके खिलाफ शनिवार को गैरजमानती वारंट भी जारी हुआ
और लुक आउट नोटिस जारी कर उनके विदेश भागने के रास्ते भी बंद कर दिए गए, लेकिन मंत्री का कुछ पता नहीं। वहीं पीड़ित परिवार ने आरोप लगाए हैं कि यूपी पुलिस उनके परिवार पर दबाव बना रही है और उन्हें परेशान कर रही है।
वहीं पीड़ित महिला और उनकी बेटी का आरोप है कि पिछले साल अक्टूबर से वह लगातार यूपी में थानों से लेकर डीजीपी के ऑफिस तक चक्कर लगा चुकी हैं, लेकिन पुलिस ने केस तक दर्ज नहीं किया।
अब सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद केस दर्ज हुआ तो मंत्री फरार हो गया, हालांकि मंत्री फरार रहकर भी सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी से बचने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।