गैंगरेप के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति व उनके साथियों को लखनऊ पुलिस ने भले ही बचाने की कोशिश की हो लेकिन एसआईटी ने अपनी जांच में अखिलेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को दोषी पाया है।
मामले की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT) ने पाया कि गायत्री द्वारा पीड़िता को कई बार कॉल की गई और मैसेज भेजे गए।
जबकि गायत्री की पत्नी ने अपने बयान में कहा था कि गायत्री प्रजापति को मोबाइल इस्तेमाल करना ही नहीं आता है। कॉल डिटेल और पीड़िता के बयान को आधार बनाते हुए एसआईटी ने गायत्री के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
इस वर्ष उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले 18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रजापति और उसके साथियों के खिलाफ गौतमपल्ली थाने में गैंगरेप, रेप की कोशिश, पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।
स्थानीय मीडिया की खबरों के मुताबिक चित्रकूट की रहने वाली पीड़िता का आरोप था कि मौरंग का पट्टा दिलाने के नाम पर गायत्री व उसके साथियों ने उसके साथ गैंगरेप किया।
नाबालिग बेटी से भी रेप की कोशिश की। इस मामले की विवेचना पहले सीओ अमिता सिंह फिर सीओ अवनीश मिश्रा को दी गई थी। पर, लापरवाही के आरोप में उनसे यह जांच ले ली गई थी।
एसएसपी दीपक कुमार ने गायत्री के खिलाफ दर्ज मुकदमों की विवेचना के लिए सीओ चौक राधेश्याम राय की अगुवाई में एसआईटी (special investigation team) गठित की थी।
खबरों में एसआईटी के सीओ राधेश्याम राय के हवाले से कहा जा रहा है कि पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि उसके साथ गायत्री के मंत्री आवास, विधायक आवास और अशोक मार्ग स्थित होटल रामकृष्ण में दरिंदगी हुई थी।
एसआईटी की जांच में तीनों ही जगह बताए गए दिन और वक्त पर पीड़िता के मौजूद होने की पुष्टि भी हुई। सीओ ने बताया कि कॉल डिटेल, पीड़िता के कलमबंद बयान और एक गवाह के बयान के आधार पर गायत्री प्रजापति, विकास वर्मा, पिंटू सिंह समेत सात अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट लगाई गई है।
18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रजापति और उसके गुर्गों के खिलाफ गौतमपल्ली थाने में गैंगरेप, रेप की कोशिश, पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। पीड़िता का आरोप था कि बालू के खनन का पट्टा दिलाने के नाम पर गायत्री व उसके साथियों ने उसके साथ बलात्कार किया और उसकी नाबालिग बेटी से भी रेप की कोशिश की।