भारतीय बैंकों से करीब 9 हजार करोड़ का कर्ज लेकर विदेश भागे विजय माल्या ने सोमवार को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया।
माल्या ने राज्यसभा के चेयरमैन को इस्तीफा भेजा और सदन की आचरण कमेटी को भी इस्तीफे की जानकारी दी।
माल्या की राज्यसभा की सदस्यता का मामला सदन की एथिक्स कमेटी के पास पहले ही पहुंच चुका था और कमेटी माल्या सदस्यता रद्द करने पर विचार कर रही थी।
ब्रिटेन के एक अखबार द फाइनेंशियल टाइम्स से बातचीत में माल्या पहले ही कह चुके हैं कि उनका भारत लौटने का कोई इरादा नहीं है।
विजय माल्या ने ये भी कहा था कि उनको जेल भेजने से सरकारी बैंको का पैसा वापस नहीं मिलेगा।
भारत ने पिछले गुरुवार को नई दिल्ली स्थित बिटिश उच्चायोग को किंगफिशर एयरलाइन के अध्यक्ष विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिये औपचारिक चिट्ठी लिखी थी।
इसके पहले प्रवर्तन निदेशालय की अपील पर मुंबई के एक न्यायालय ने विदेशी मुद्रा अधिनियन के उल्लंघन के आरोप में माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
इसके बाद विदेश मंत्रालय ने विजय माल्या का पासपोर्ट रद्द कर दिया था। मंत्रालय इसके पहले माल्या का राजनयिक पासपोर्ट 4 हफ्तों के लिये निलंबित कर चुका था।
शराब कारोबारी विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइन पर बैंकों का 9400 करोड़ रुपय से अधिक बकाया है और कई बड़े सरकारी बैंक माल्या पर जानबूझ कर पैसे नहीं देने का आरोप लगा चुके हैं।
सरकार सुप्रीम कोर्ट में पहले ही कह चुकी है कि उसकी जानकारी के अनुसार माल्या यूनाइटेड किंगडम में हैं।