बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने टॉपर स्कैम पर पहली प्रतिक्रिया देते हुये बिहारियों को ही बिहार की छवि खराब करने के लिये जिम्मेदार ठहराया है।
नीतीश कुमार ने कहा कि जैसे ही पता चला कि बोर्ड के टॉपर गणेश कुमार ने इस बार दूसरी बार परीक्षा दी है उसे तुरंत गिरफ़्तार कर लिया गया। पुलिस उसके खिलाफ आगे भी जांच कर रही है।
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार बोर्ड के नतीजे ही बताते हैं कि इस बार परीक्षा कितनी सख्ती के साथ हुई है। सीएम ने कहा कि जब कड़ाई से परीक्षा होती है तो ऐसे ही परिणाम आते हैं।
उन्होंने कहा कि खराब नतीजों के बावजूद आगे से भी परीक्षा के दौरान इसी तरह की कड़ाई बरती जाएगी। नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार की छवि खराब करने में बिहारियों का ही हाथ है। पत्रकारों को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ‘बिहार की छवि को बाहर खराब करने में बिहार के बाहर के लोगों का नहीं बल्कि बिहार के अंदर के लोगों की भूमिका है।’
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाना उनके लिए एक चुनौती है, जिसे वे स्वीकार करते हैं।
समाचार पत्रों के मुताबिक कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग में सुधार की कोशिश जारी है, और धीरे-धीरे ही सही इसका असर दिखने लगा है।
बिहार के शिक्षा माफिया को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि बिहार की छवि खराब करने वाले लोगों के साथ कानून सख्ती से निपटेगा।
पिछले साल की तरह इस बार भी बिहार के 12वीं का रिजल्ट जारी होते ही विवादों में आ गया। बिहार बोर्ड ने इस बार गणेश कुमार नाम के शख्स को टॉपर घोषित किया। गणेश कुमार ने कला वर्ग में टॉप किया था, और उसका विषय संगीत था।
लेकिन पत्रकारों के सवाल-जवाब करने पर गणेश कुमार संगीत के मामूली सवालों का भी जवाब नहीं दे सका। इस बारे में जब मीडिया में हंगामा हुआ तो घोटाले की परतें खुलती गईं। जिस गणेश कुमार ने बोर्ड को अपनी उम्र 24 साल बताई थी दरअसल वो 42 साल का था और वह 1990 में ही मैट्रिक की परीक्षा दे चुका था।
पुलिस ने फर्जीवाड़े के आरोप में गणेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। गणेश के तार बिहार के शिक्षा माफिया से जुड़े हैं। इस मामले में कई और लोगों की तलाश पुलिस कर रही है।