बांग्लादेश में सुरक्षा बलों द्वारा आतंकियों के ठिकाने पर छापा मारे जाने पर दोनों पक्षों में 24 घंटे तक संघर्ष चला जिसके बाद 4 आतंकियों ने खुद को उड़ा लिया। देशभर में इस्लामी आतंकियों के खिलाफ चल रही तेज कार्रवाई के बीच यह एेसी हालिया घटना है।
इस घटना की जानकारी पुलिस ने दी है। पुलिस ने बुधवार रात को उत्तर पश्चिम में स्थित छपाई नवाबगंज के एक मकान में छापा मारा। जिसके बाद से दोनों पक्षों में संघर्ष की स्थिति पैदा हो गई।
बांग्लादेश के स्थानीय मीडिया की खबरों के मुताबिक ऑपरेशन ईगल हंट नामक सुरक्षा कार्रवाई को विशेष पुलिस दस्ते ने पूरा किया। पुलिस मुख्यालय के एक प्रवक्ता ने संवाददाताओं से कहा कि जब हम ठिकाने के भीतर गए तो हमें 4 आतंकियों के शव पड़े मिले।
प्रवक्ता ने कहा कि मारे गए आतंकियों में से एक आतंकी की पत्नी गर्भवती है और घायल है।
नियो जमात-उल-मुजाहिद्दीन के ठिकाने पर छापेमारी खत्म होने के बाद इस महिला को इसकी 6 साल की बेटी के साथ घर से बाहर लाया गया। उन्होंने कहा,महिला की टांग में गोली लग गई थी।’
अधिकारी ने कहा कि ऐसा माना जा रहा है कि घायल महिला भी इस प्रतिबंधित संगठन की सदस्य थी। यह संगठन एक जुलाई 2016 को ढाका के एक कैफे में आतंकी हमला अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है। उस हमले में एक भारतीय समेत कुल 22 लोग मारे गए थे।
पिछले माह बांग्लादेशी पुलिस ने आतंकियों के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियानों को अंजाम दिया था। इन अभियानों में कम से कम 17 संदिग्ध आतंकी मारे गए थे। बीते 31 मार्च को सुरक्षा बलों ने ढाका के उत्तर में आतंकियों के ठिकाने पर छापा मारा था। इसके बाद 8 आतंकियों ने खुद को ग्रेनेड से उड़ा लिया था।
बांग्लादेश में वर्ष 2013 से धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं, विदेशियों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार हमले होते रहे हैं। ढाका कैफे हमले के बाद बांग्लादेश ने कार्रवाई का बड़ा अभियान शुरू कर दिया था।