असामान्य रूप से गर्म अप्रैल के महीने में भारतीय थलसेना दुश्मन के इलाके में घुसकर कब्जा करने की अपनी मारक क्षमता का परीक्षण कर रही है।
हमला करने की अपनी क्षमता को जांचने के लिये थलसेना की स्ट्राइक-1 राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके में इन दिनों शत्रुजीत नाम का युद्धाभ्यास कर रही है।
इस युद्धाभ्यास में सेना के 30 हजार जवान भाग ले रहे हैं। इसका उद्देश्य जमीनी और हवाई युद्ध में दुश्मन के इलाके में गहराई तक घुसकर हमला करने की भारतीय सेना की क्षमता को जांचना है।
इस सैन्य अभ्यास में दूर तक मार करने वाले नये हथियारों और तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में थलसेना ने कहा कि भारतीय सेना समय-समय पर इस तरह के सैन्य अभ्यास आयोजित करती है ताकि सैनिकों वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों का अनुभव मिल सके और वे कम समय में दुश्मन पर हमला करने के लिये तैयार रहें।
सेना ने कहा कि उसकी टुकड़ियां पिछले एक महीने से राजस्थान में सैन्य अभ्यास कर रही हैं जिसके बाद स्ट्राइक वन कोर के स्तर पर सैन्य अभ्यास किया जायेगा।