सेना महीने के अंत तक श्रीनगर स्थित 212 एकड़ के टट्टू ग्राउंड सहित जम्मू-कश्मीर के चार बड़े स्थानों को खाली करेगी। राज्य में भाजपा के साथ सरकार गठन के लिए यह मुद्दा पीडीपी की मांगों में शामिल था।
इस फैसले की घोषणा बीती रात राज्यपाल एनएन वोहरा और उत्तरी कमान के जीओसी इन सी लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा के बीच बैठक के बाद की गई। बैठक में मुख्य सचिव बीआर शर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
स्थानीय मीडिया की खबरों में एक आधिकारिक प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है कि बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि सेना की उत्तरी कमान जम्मू विश्वविद्यालय परिसर के पास 16.30 एकड़ जमीन, श्रीनगर के टट्टू ग्राउंड में 212 एकड़ जमीन, अनंतनाग के हाईग्राउंड स्थित 456.60 कनाल जमीन तथा करगिल के निचले खुरबा थांग स्थित जमीन को जम्मू-कश्मीर सरकार को सौंप देगी।
यह फैसला पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की इन मांगों के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि राज्य में भाजपा के साथ सरकार के गठन से पहले विश्वास बहाली के रूप में सेना अपने कब्जे वाली जमीन खाली करे तथा राज्य के शांति वाले इलाकों से आफ्सपा हटाया जाए।
प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल ने राजभवन में हुड्डा के साथ गहन चर्चा में सेना से संबंधित सभी जमीन मामलों में पूर्व में असैन्य-सैन्य संपर्क सम्मेलनों में लिए गए फैसलों के क्रियान्वयन की समीक्षा की।
प्रवक्ता ने कहा कि सहमति बनी कि निचले पठार खुरबा थांग स्थित जमीन 31 मार्च से पहले ले ली जाएगी जब मुख्य सचिव सेना से संबंधित स्थल योजना से जुड़े मामलों को देखने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष के रूप में करगिल का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि अन्य तीन स्थानों पर स्थित जमीन भी 31 मार्च से पहले सौंप दी जाएगी
टट्टू ग्राउंड से संबंधित जमीन के मामले में राज्यपाल और सेना कमांडर 31 मार्च से पहले संयुक्त रूप से स्थल का दौरा करेंगे, ताकि पार्क, युवाओं के लिए मनोरंजन की सुविधाएं स्थापित करने के लिए इस भूमि के इस्तेमाल के संबंध में कुछ प्रस्तावों पर चर्चा की जा सके।
राज्यपाल ने निर्देश दिया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति जम्मू विश्वविद्यालय, करगिल और अनंतनाग का दौरा करेगी, ताकि स्थल पर ही सभी औपचारिकताएं पूरी की जा सकें और उक्त स्थलों का नियंत्रण लिया जा सके।