एनसीपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल को आज दोपहर करीब 12 बजे मुंबई के सेशंस कोर्ट में पेश किया जाएगा।
प्रवर्तन निदेशालय ने छगन भुजबल को उनके देश के बाहर अवैध रूप से धन के लेन-देन से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया है। निदेशालय ने उन्हें कल मुंबई कार्यालय बुलाकर 9 घंटे तक पूछताछ के बाद भुजबल को गिरफ्तार किया है। एजेंसी महाराष्ट्र सदन के निर्माण में धांधली और पैसे के लेन-देन से जुड़े मामलों की जांच कर रही है।
एजेंसी के एक अधिकारी के मुताबिक पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री की गिरफ्तारी धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हुयी है। उन्होंने पूछताछ में कथित तौर पर सहयोग करने से मना कर दिया। एजेंसी ने मामले में उनका बयान भी दर्ज किया।
प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन कानूनों के तहत इस मामले में तीन संपत्तियों की कुर्की का आदेश भी हासिल कर लिया है। इन संपत्तियों की अनुमानित कीमत 280 करोड़ रूपये से अधिक है। छगन भुजबल, पंकज, समीर और अन्य लोगों की संपत्तियों और कार्यालयों सहित नौ परिसरों में प्रवर्तन निदेशालय ने दो बार छापेमारी भी की। इस कार्रवाई को राकांपा ने ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया था।
राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने छगन भुजबल, पंकज, समीर और 14 अन्य के खिलाफ महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में एक आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। नए महाराष्ट्र सदन का निर्माण 100 करोड़ रूपये की लागत से किया गया था और तब महाराष्ट्र में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन की सरकार थी।
प्रवर्तन निदेशालय ने मामले की जांच के संबंध में महाराष्ट्र के पूर्व लोक निर्माण मंत्री भुजबल को 14 मार्च को तलब किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें भुजबल और उनके कुछ सहयोगियों के अलावा समीर भुजबल का नाम शामिल है। समीर की गिरफ्तारी हो चुकी है।