रूस ने अमेरिका के साथ रिश्तों में बढ़ती तकरार के बीच हथियारों में इस्तेमाल के लायक अतिरिक्त प्लूटोनियम को नष्ट करने संबंधी एक समझौते को निलंबित कर दिया है।
राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने इसके लिये एक जरूरी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिये हैं।
लेकिन इस आदेश को रूसी संसद की मंजूरी चाहिये और संसद राष्ट्रपति के आदेश को अपनी मंजूरी देने से इंकार भी कर सकती है।
लेकिन रूस की राजनीति में राष्ट्रपति पुतिन के वर्चस्व को देखते हुये ऐसा होना लगभग असंभव है।
साल 2000 में हुए इस समझौते के तहत दोनों देशों को करीब 34 टन प्लूटोनियम को संयंत्रों में जलाकर ख़त्म करना होता है।
अमरीकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि 68 टन प्लूटोनियम 17 हज़ार परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त होता है।
रूस ने कहा था कि अमेरिका जिस तरह से प्लूटोनियम का निपटारा कर रहा था उससे साफ है कि इस प्लूटोनियम को दोबारा परमाणु हथियार में इस्तेमाल किया जा सकता है।
अमेरिका का कहना है कि प्लूटोनियम का निपटारा पूरी तरह से वैज्ञानिक तकनीक से किया जा रहा है और समझौते में जिन तरीकों का जिक्र हुआ है, वही तरीका वह अपना रहा है।