जाने-माने वकील प्रशांत भूषण और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव के संगठन स्वराज अभियान ने एक अमेरिकी व्हिसल ब्लोअर की ओर से प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे गए पत्र के हवाले से गुरुवार को दावा किया कि स्कोर्पियन घोटाले के मुख्य आरोपी अभिषेक वर्मा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सांसद और रक्षा प्रतिष्ठान के कई अधिकारियों को ‘कॉल गर्ल्स के जाल में फंसाकर रक्षा क्षेत्र की कई गोपनीय जानकारियां हासिल की है।
भूषण और यादव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार भी कांग्रेस की तरह ही इस घोटाले पर पर्दा डाल रही है क्योंकि इस सौदे से जुड़ी एक प्रमुख कंपनी थेल्स और उसकी सहयोगी फ्रांसीसी डॉसो के साथ मोदी सरकार ने 36 राफेल युद्धक विमान खरीदने का सौदा किया है। उन्होंने दावा किया कि अगर थैलेस पर पाबंदी लग गई होती तो सरकार यह सौदा संभव नहीं था, जो उसने दुगुनी कीमत पर किया है।
उन्होंने राफेल सौदे की जांच कराने और सरकार से यह खुलासा करने की मांग की कि लड़ाकू विमान की कीमत तीन – चार महीने में ही दुगुनी कैसे हो गई।
इस बीच रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पत्रकारों के सवालों पर इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि यह अब तक सबसे बेहतरीन सौदा है। भूषण ने कहा कि स्कोर्पियन पनडुब्बी के सौदे में दलाली के मामले में फंसी कंपनी थेल्स की भूमिका राफेल युद्धक विमान के सौदे में हैं। इस सौदे पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के साथ जिस मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने हस्ताक्षर किए हैं, थैलेस से भी जुड़ा था।
उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति की बैठक की विस्तृत जानकारी रक्षा सौदों के दलाल अभिषेक वर्मा तक पहुंचाई जाती रही है जो बाद में विदेशी कंपनियों तक पहुंच जाती है। उन्होंने कहा कि संसदीय समिति की बैठक की जानकारी भाजपा के एक सांसद के जरिए बाहर जाती है।
स्वराज अभियान की ओर से एक दस्तावेज के अनुसार इस पूरे मामले की जानकारी पत्रों और ई-मेल के माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराई गई है।
यह जानकारी दलाल अभिषेक वर्मा के पूर्व भागीदार एडमंड ऐलन ने उपलब्ध कराई है। उन्होंने पत्र में कहा कि भाजपा सांसद वरुण गांधी ‘हनी ट्रेप’ में फंसे हुए हैं। मामले से संबंधित पूरे कागजात प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार और केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक को भेजे गए हैं।