कश्मीर में जारी अशांति के बीच थलसेना ने शांति की अपील करते हुए कहा कि हर किसी को कदम वापस लेने और मौजूदा स्थिति से बाहर निकलने का रास्त खोजने के लिए एक साथ बैठने की जरुरत है।
लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने संकट को समाप्त करने के लिए अलगाववादियों से बातचीत के भी संकेत दिए। इसके अलावा सेना ने कहा कि दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों को फिर से शुरु किया जाएगा।
साथ ही पुलवामा जिला के ख्रिव इलाके में सेना द्वारा छापे के दौरान मारे गए शिक्षक के मामले में दुख व्यक्त करते हुए सेना ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नही किया जाएगा और सेना छापों को मंजूरी नहीं देती है।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए सेना के उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिेनेंट जनरल डी.एस. हुड्डा ने स्थिति को और अधिक उत्तेजक बनाने के बावजूद सामान्य करने के लिए इसमें शामिल हर किसी को तरीकों की खोज करने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों को अत्यंत संयम बरतने के निर्देश दिए गए हैं वहीं दूसरी तरफ से भी यह देखने की जरुरत है कि सुरक्षाबलों, पुलिस स्टेशनों और सुरक्षाबलों के आधारों पर हमले नहीं किए जाए।
वरिष्ठ जनरल ने कहा कि संघर्ष और हिंसक का चक्र पिछले 40 दिनों से जारी है और कोई भी इससे अभेद्य नहीं रह रहा है। मेरी अपील शांति के लिए है। हमें बैठने, सिरों को एक साथ जोडऩे और इस स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता खोजने की जरुरत है।
इसलिए हर कोई जो जम्मू कश्मीर में किसी भी तरह से शामिल है, को आत्मविश्लेषण करने की जरुरत है और इसके रोकने के लिए क्या कर सकते हैं, वह भी देखना चाहिए। एक व्यक्ति या एक संगठन इसके अकेले नहीं कर सकता है।