काले धन पर अंकुश के इरादे से सरकार अब उन लोगों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही करने की तैयारी में हैं जिन्होंने नोट बदली के दौरान भारी राशि बैंकों में जमा की है।
पिछले 2 दिनों से आयकर विभाग उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में कई जगहों पर छापे मार कर करोड़ो की काले धन का पता लगाया है।
कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के यहां हुए छापों में करोड़ों रुपये की कालेधन का पता चला है। आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पिछले दो दिनों में सरकारी और सार्वजनिक कंपनियों के चार अधिकारियों से जुड़ी 20 जगहों पर छापे मारे हैं।
नोएडा अथॉरिटी पूर्व ओएसडी वाईपी त्यागी के 4 ठिकानों पर भी छापेमारी हुई है। इससे पहले राजकीय निर्माण निगम के एडिशनल जनरल मैनेजर शिव आश्रय शर्मा के पास 600 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ है। आयकर अधिकारियों ने नोएडा में एक वरिष्ठ अधिकारी के परिसरों पर भी छापेमारी की।
इसके अलावा आयकर विभाग के अधिकारियों ने कानपुर स्थित उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन विभाग के एक अधिकारी के यहां भी तलाशी ली है। विभाग ने कर चोरी रोकने के लिए देशव्यापी अभियान के तौर पर पिछले 15 दिनों में 540 करोड़ रूपये से अधिक का कालाधन पकड़ा है।
इन 60,000 लोगों से ईमेल के जरिये संपर्क किया जाएगा। अभियान के तहत कर अधिकारी छानबीन और सर्वे करेंगे और आयकरदाता से दस्तावेजों की भी मांग करेंगे।
सीबीडीटी ने कहा, 1,300 उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों सहित 60 हजार से अधिक लोगों को विमुद्रीकरण के दौरान अत्यधिक नकद बिक्री को जमा करने का दावा करने वाले लोगों को जांच के लिए चुना गया है।
इस वर्ष 31 जनवरी को शुरू हुए स्वच्छ धन अभियान के पहले चरण में आयकर 17.92 लाख लोगों की जांच की थी और ईमेल के जरिये अतिरिक्त जानकारी मांगी थी लेकिन केवल 9.46 लाख लोगों ने ही जवाब दिये हैं।
आयकर विभाग उन लोगों की भी जांच करेगा जिन्होंने पहले चरण में कर अधिकारियों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया है। इसके अलावा बड़ी राशि जमा कराने वाले सरकारी कर्मचारी भी जांच के घेरे में होंगे।