प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में गोरखपुर में दो परियोजनाओं की शुरुआत की है।
उन्होंने गोरखपुर में एम्स का निर्माण कार्य शुरू करने के लिये शिलान्यास किया साथ ही 26 वर्षों से बंद पड़े एक कारखाने को दोबारा चालू करने का कार्य आरंभ किया।
नए कारखाने की क्षमता पुराने बंद हुए कारखाने से चार गुना होगी। कारखाने के अस्तित्व में आने के बाद यूपी समेत कई राज्यों की उर्वरक की जरुरत पूरी होगी।
पीएम मोदी ने कारखाने को दोबारा शुरू कराने के लिए 1600 करोड़ का बजट दिया है। इसके अलावा गैस अथॉरिटी आफ इंडिया इस कारखाने को चलाने के लिए हल्दिया से जगदीशपुर पाइपलाइन को गोरखपुर तक लायेगी।
इसके लिए 18 हजार करोड़ रूपये का निवेश होने का अनुमान है। नए कारखाने की रोज़ की उत्पादन क्षमता 3850 मीट्रिक टन होगी जबकि पुरानी फैक्ट्री से करीब 950 टन ही उत्पादन होता था।
इस कारखाने की स्थापना 1969 में की गयी थी लेकिन 10 जून 1990 को हुयी एक दुर्घटना के बाद इस कारखाने पर तालाबंदी कर दी गयी।
इससे हजारों लोग बेरोजगार हो गए। कारखाने के दोबारा चालू होने से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
इसी के साथ प्रधानमंत्री ने गोरखपुर में एम्स के निर्माण के काम का भी शिलान्यास किया । 1011 करोड की लागत से बनाए जाने वाले नए एम्स को प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत बनाया जा रहा है । पीएम ने कहा कि इलाके के लोगों को इससे बहुत फायदा होगा।
नए एम्स की स्थापना इस इलाके की आबादी को सुपर स्पेशिएलिटी स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के उद्देश्य को पूरा करेगी साथ ही डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों का बड़ा पूल भी तैयार होगा।
इसकी क्षमता 750 बिस्तरों की होगी और इसमें इमरजेंसी और आयुष विभाग भी होगा।