पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन को एयरसेल-मैक्सिस सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों पर बड़ी राहत मिल गई है। इस मामले में सुनवाई करते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन और अन्य आरोपितों को बरी कर दिया है।
सीबीआई और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की ओर से दर्ज कराए गए मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय किए जाने के बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए दोनों को बरी कर दिया है।
गौरतलब है कि मारन बंधुओं पर आरोप था कि उन्होंने मोबाइल कंपनी एयरसेल पर दबाव डालकर कंपनी के शेयर मैक्सिस को बेचने के लिए मजबूर किया था। इस डील के वक्त दयानिधि मारन पूर्व यूपीए सरकार में दूरसंचार मंत्री के पद पर थे।
अभियोजन पक्ष के पब्लिक प्रॉस्क्यूटर आनंद ग्रोवर ने कोर्ट में दलील देते हुए दावा किया था कि दयानिधि मारन ने वर्ष 2006 में चेन्नई के एक टेलीकॉम प्रमोटर सी शिवशंकरन पर दबाव बनाया था कि वह एयरसेल और दो सहायक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को मलेशियाई कंपनी मैक्सिस समूह को बेच दें।
इस मामले में सीबीआई ने मारन बंधुओं और मलेशिया निवासी एआर मार्शल, टी.आनंद कृष्णनन, मलेशिया की कंपनी एस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क, मैक्सिस कम्यूनिकेशन, सन डायरेक्ट टीवी प्रा.लि., साउथ एशिया एफएम लि. समेत आठ लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार की धाराओं में आरोपपत्र दाखिल किया था।
वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने मारन बंधुओं, कलानिधि की पत्नी कावेरी, साउथ एशिया एफएम लि. के महानिदेशक के. शानमुगम व सन डायरेक्ट टीवी प्रा.लि. समेत छह लोगों के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था।